
अमृतसर,27 अप्रैल:प्रत्येक वर्ष 22 अप्रैल को मनाए जाने वाले विश्व पृथ्वी दिवस के मद्देनजर, खालसा कॉलेज फॉर वुमेन ने वनस्पतियों, जीवों, वायुमंडल, जलमंडल और स्थलमंडल सहित हमारे प्राकृतिक संसाधनों के महत्व पर जागरूकता बढ़ाने के लिए अमृतसर में मिशन आगाज़, एनजीओ के साथ सहयोग किया।

एनजीओ के कार्यकारी निदेशक दीपक बब्बर ने हिंदी वर्णमाला ‘पा’ के महत्व को बताते हुए कहा कि हमारे ग्रह पृथ्वी के अधिकांश महत्वपूर्ण तत्व इसी पवित्र अक्षर से शुरू होते हैं।टीम ने कॉलेज परिसर में वर्मीकम्पोस्टिंग इकाई का दौरा किया और छात्रों को इसकी कार्यप्रणाली और उपयोग के बारे में एक प्रदर्शन दिया गया। छात्रों को अपनी मातृ प्रकृति से जुड़े रहने और शहर के वातावरण को हरा-भरा, स्वच्छ और स्वच्छ बनाने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
पृथ्वी दिवस, 2024 की थीम – ‘ग्रह बनाम प्लास्टिक’ पर बात की

इसके बाद प्रतिष्ठित वैश्विक स्वास्थ्य चिकित्सक और एपीएआर के संस्थापक डॉ. नवनीत भुल्लर ने “प्लास्टिक प्रदूषण: तथ्य और मिथक” नामक व्याख्यान पर आमंत्रित भाषण दिया। व्याख्यान की शुरुआत सभी प्रतिभागियों द्वारा पर्यावरण की रक्षा करने की शपथ लेने और छात्रों द्वारा पोस्टर प्रदर्शित करने से हुई। डॉ. भुल्लर ने पृथ्वी दिवस, 2024 की थीम – ‘ग्रह बनाम प्लास्टिक’ पर बात की।
सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध वर्ष 2022 में पहले ही लागू किया जा चुका
डॉ भुल्लर ने कहा कि प्लास्टिक का उपयोग केवल कूड़े की समस्या नहीं है, बल्कि कानून द्वारा एक अवैध और दंडनीय अपराध है क्योंकि सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध वर्ष 2022 में पहले ही लागू किया जा चुका है। डॉ. भुल्लर ने छात्रों को एक बहुत ही ठोस बात की,जहां उन्होंने छात्रों को दृढ़तापूर्वक सलाह दी कि वे किसी भी पॉलिथीन बैग का उपयोग न करें, मिनरल वाटर की बोतलों का उपयोग बंद करें, फास्ट-फूड चेन रिटेलर्स द्वारा गैरकानूनी तौर पर सिंगल प्लास्टिक और समुदी गिलास को न करने की सलाह दी।
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