
अमृतसर,13 मार्च (राजन):पंजाब सरकार की तरफ से रविवार को करवाई गई पंजाब राज्य शिक्षक एलिजिबिलिटी टेस्ट (PSTET) विवादों में आ गई है। सोशल स्टडीजके पेपर में 60 में से 57 उत्तर हाइलाइट किए गए। जिसके बाद पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार विरोधियों के निशाने पर आ गई हैं। वहीं शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने परीक्षा दोबारा करवाने की बात कह दी है । मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है। मंत्री बैंस ने कहा है- जीएनडीयू ने खेद व्यक्त किया है और बिना किसी शुल्क के परीक्षा फिर से आयोजित करेगा। भविष्य में ऐसा ना हो, इसके लिए मैंने अपने विभाग को आदेश दिए हैं कि तीसरी पार्टी के साथ एमओयू साइन करते समय उम्मीदवारों के मुआवजे का क्लॉज भी रखा जाए। इसमें परीक्षार्थियों को परेशानी क्यों हो । वहीं दूसरी तरफ, पंजाब सरकार पर प्रश्न पत्र के पंजाबी में अनुवाद पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। एक तरफ सरकार मां बोली को प्रमोट करने के लिए कई मापदंड तय कर रही है, वहीं दूसरी तरफ PSTET परीक्षा में कई विषयों की उत्तर पत्रिका में पंजाबी अनुवाद ही गलत था। परीक्षा देने गए एक परीक्षार्थी ने बताया कि पंजाबी भाषा में अनुवादित प्रश्नों में कई गलतियां थीं। गलत शब्दों के अलावा, संदर्भ, अर्थ और वाक्यांशों का उपयोग सही नहीं था। पंजाब में रहते हुए ऐसी गलतियां शर्मसार करने वाली हैं ।
जीएनडीयू के खिलाफ जांच शुरू

मंत्री हरजोत बैंस ने कहा है कि हमारी परीक्षा प्रक्रिया में पूर्ण निष्पक्षता बनाए रखने के लिए, ए++ एनएएसी ग्रेड यानी जीएनडीयू के साथ तीसरे पक्ष द्वारा आयोजित पीएसटीईटी परीक्षा की जांच के लिए PS स्तर की जांच का आदेश दिया गया है। जवाबदेही तय की जाएगी और दोषी पाए जाने वालों पर आपराधिक लापरवाही का मामला दर्ज किया जाएगा।
क्या है विवाद
SST के प्रश्न पत्र की कॉपी सांझा करने वाले एक परीक्षार्थी ने जानकारी दी कि प्रश्न पत्र में 60 में से 57 के सही उत्तर मोटे अक्षरों में साझा किए गए थे। एक परीक्षार्थी ने कहा कि यह उनके साथ धोखा हुआ है। वे परीक्षा के लिए कोचिंग लेते हैं और कोचिंग संस्थानों में 8 हजार रुपए से अधिक मासिक फीस का भुगतान करते हैं। इसी प्रकार अधिकांश छात्र शहरी क्षेत्रों में किराए पर रहते हैं क्योंकि शहरों में उन्हें आसानी से कोचिंग मिल जाती है।
कुछ केंद्रों में प्रश्न-पत्र ले लिए गए वापस
कुछ परीक्षार्थियों ने आरोप लगाया है कि उनके केंद्र में प्रश्न-पत्र भी वापस ले लिए गए। जबकि प्रश्न-पत्र के पीछे लिखा गया था कि परीक्षार्थी अपने साथ प्रश्न-पत्र लेकर जा सकते हैं। परीक्षार्थियों का आरोप है कि ऐसा पंजाब सरकार ने अपनी गलती छिपाने के लिए किया है।
जीएनडीयू ने करवाई थी परीक्षा
स्कूल शिक्षा विभाग की प्रिंसिपल सेक्रेटरी जसप्रीत तालवाड़ का कहना है कि यह मामला ध्यान में आ चुका है। यह परीक्षा गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर की तरफ से आयोजित की गई थी। कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उन्होंने स्पष्ट इशारा किया कि जांच के बाद अगर आरोप सही पाए गए तो यह परीक्षा दोबारा से हो सकती है।
विपक्ष के निशाने पर आप
PSTET परीक्षा के विवादों में आने के बाद से ही पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा और अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट शेयर कर आप सरकार पर सवाल खड़े किए हैं।
‘अमृतसर न्यूज़ अपडेटस” की व्हाट्सएप पर खबर पढ़ने के लिए ग्रुप ज्वाइन करें