
अमृतसर, 1 मार्च(राजन):गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी से जुड़े बरगाड़ी के तीन मुकदमों की सुनवाई पंजाब से बाहर स्थानांतरित होने का निर्णय पंजाब सरकार के माथे पर धब्बा है। यह बेअदबी के मामलों को आगे बढ़ाने में सरकार की गंभीरता के बारे में वास्तविकता को उजागर करता है। यह बात शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने बुधवार को बरगाड़ी से संबंधित बेअदबी के मामलों की सुनवाई पंजाब से बाहर स्थानांतरित करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही। हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि आठ साल की लंबी अवधि के बाद इन मामलों में चालान अदालत में पेश किया गया, जिसमें डेरा सिरसा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को भी उनके अनुयायियों के साथ नामजद किया गया था। एसजीपीसी अध्यक्ष ने कहा कि मौजूदा पंजाब सरकार ने सिख भावनाओं से जुड़े संवेदनशील बेअदबी के इन मामलों को सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से आगे नहीं बढ़ाया।उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार इन बेअदबी के मामलों पर राजनीति करती रही थी और अब आम आदमी पार्टी की सरकार भी सिखों के लिए इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर टाइम पास कर रही है।एसजीपीसी अध्यक्ष ने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से किसी भी तरह से अदालत में मजबूती से अपना पक्ष रखने की जरूरत थी, लेकिन सरकार की इस नाकामी से सिख भावनाओं को ठेस पहुंची है।उन्होंने कहा कि सरकारें पहले से ही डेरा सिरसा प्रमुख पर मेहरबान हैं और बार-बार पैरोल देकर उनके साथ विशेष व्यवहार किया जा रहा है।ऐसे में बेअदबी के मामलों का पंजाब से बाहर ट्रांसफर होना पंजाब सरकार के लिए बड़ा सवाल है। उन्होंने बेअदबी के मामलों की सुनवाई ट्रांसफर करने की कड़ी निंदा की और कहा कि सरकार को अपनी नाकामी के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए।
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