
अमृतसर,2 अप्रैल (राजन): भगतावाला कूड़े के डंप पर कूड़े का विशाल पहाड़ लगातार बढ़ रहा है। इस वक्त भी लगभग 13 लाख टन कूड़ा वहां पर पड़ा हुआ है। शहर में प्रतिदिन लगभग 475 मेट्रिक टन कूड़ा उठाया जाता है, जिसे इस डंप में पहुंचाया जाता है। कूड़े के इस डंप में कंपनी द्वारा बायोरेमेडीएशन बड़ी ही धीमी गति से की जा रही है। जिस कारण कूड़े के अंबार बढ़ रहे हैं। कंपनी बायोरेमेडीएशन तेजी से ना होने का कारण आरडीएफ बताती है। इस वक्त डंप के साथ लगभग 40 हजार टन आरडीएफ पड़ा हुआ है। जो ज्वलनशील है। अगर आरडीएफ आग की चपेट में आ जाए तो आग से भयंकर हादसा भी हो सकता है। इसके साथ-साथ बायोरेमेडीएशन ना होने से आने वाले दिनों में आग लगने की घटनाएं बढ़ सकती हैं। क्योंकि कई दिन तक जब कूड़ा एक जगह पर खड़ा रहता है, तब उसमें से गैस निकली शुरू हो जाती है, गैस जब गर्मी के संपर्क में आती है, उसी वक्त आग लग जाती है।
अभी तक एनर्जी सेविंग प्लांट की भी शुरुआत नहीं हो पाई
भगतावाला कूड़े के डंप से कूड़े के अंबार को हटाना और एनर्जी सेविंग प्लाट लाने की प्रक्रिया पिछले 7 वर्षों से चल रही है। इसमें दो सरकारें तो चली गई हैं और आम आदमी पार्टी की सरकार को बने भी 1 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है।किंतुअभी तक एनर्जी सेविंग प्लांट की भी शुरुआत नहीं हो पाई। इसका मुख्य कारण डंप के साथ किसी निजी लोगों की जमीन पड़ती है, जिसको लेकर नगर निगम और इस निजी पार्टी के साथ हाई कोर्ट में केस भी चल रहा है। हाई कोर्ट में इस केस की तारीख पर तारीख ही पड़ रही है। एनर्जी सेविंग प्लांट लगाने वाली कंपनी भी यही कहती है, हमें 25 एकड़ जमीन की चारदिवारी करके दे दो, तब प्लांट की शुरुआत हो जाएगी।
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन रेगुलर नहीं हो पा रही
नगर निगम में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का कंपनी को ठेका दिया हुआ है। इसकी एवज में प्रतिमाह निगम कंपनी को डेढ़ करोड़ से ऊपर का भुगतान करती है। इसके साथ-साथ कंपनी घरों और कमर्शियल अदारो से भी प्रतिमाह लाखों रुपए एकत्रित करती है। इसके बावजूद 85 वार्डों में रैगुलर लिफ्टिंग नहीं हो पा रही है। अधिकांश वार्डों में तो 2 से 3 दिन बाद कूड़ा उठाया जा रहा है। कंपनी के पास कूड़ा लिफ्टिंग के लिए शहर के कुल 270 रूट है। वहीं कंपनी के पास डोर टू डोर कूड़ा लिफ्टिंग की कुल 234 गाड़ियां और इमरजेंसी के लिए 50 से अधिक गाड़ियां पूरी चाहिए। किंतु इस वक्त कूड़ा लिफ्टिंग की शहर में लगभग 160 ही गाड़ियां चल रही है। कंपनी की इनमें से 65 खराब पड़ी हैं और 26 कंडम हो चुकी हैं। गाड़ियां कम चलने से लिफ्टिंग में देरी के कारण जनता परेशान है। कई जगहों पर लोग घरों में ज्यादा दिन तक कूड़ा न रख पाने की सूरत में इधर-उधर फेंकने को मजबूर हैं।
12 कंपैक्टर खराब : छेहर्टा, झब्बाल रोड अन्य जगहों पर कूड़ा जमा
कूड़ा लिफ्टिंग कर रही अवर्दा कंपनी के 12 कंपैक्टर खराब हैं। इस वजह से वर्तमान में छेहर्टा वर्कशाप में 350 मीट्रिक टन और झब्बाल रोड रेलवे लाइन पार 400 मीट्रिक टन कूड़ा जमा हो गया है। इसी तरह वेरका और रंजीत एवेन्यू क्षेत्र में भी और जमा हो रहा है। जिसे धीरे-धीरे भगतांवाला डंप तक पहुंचाया जा रहा है।
इस पर निगम कमिश्नर संदीप ऋषि ने विस्तार पूर्वक बताया

आरडीएफ को भी खत्म करेंगे
कमिश्नर संदीप ऋषि ने कहा कि डंप में पड़े आरडीएफ को भी समाप्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उनकी कुछ बड़ी फैक्ट्रियों के मालिकों से भी बात हो चुकी है। इसके साथ साथ ईट के भठ्ठे चलाने वालों से भी आरडीएफ समाप्त करने के लिए बातचीत की जा रही है। इससे कूड़े के डंप पर बायोरेमेडीएशन में अब तेजी लाई जाएगी।
एनर्जी सेविंग प्लांट लाने के लिए डंप की होगी जल्द चारदीवारी: निगम कमिश्नर
नगर निगम कमिश्नर संदीप ऋषि ने बताया कि भगतावाला कूड़े के डंप में एनर्जी सेविंग प्लांट लाने के लिए डंप की होगी जल्द चारदीवारी करवाने के अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं। उन्होंने बताया कि डंप में जो थोड़ी सी जमीन विवादास्पद है, जिसका हाई कोर्ट में केस चल रहा है, उस जमीन को छोड़ा जा रहा है। संदीप ऋषि ने कहा कि कंपनी को 25 एकड़ जमीन देने की बजाय 24 एकड़ जमीन एनर्जी सेविंग प्लांट लगाने के लिए दी जाएगी। जितने कनाल जमीन कम दी जाएगी उतना ही नगर निगम अपना किराया कम कर लेगा।
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने के लिए कंपनी गाड़ियां पूरी रखें
निगम कमिश्नर संदीप ऋषि ने कहा कि डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए कंपनी को गाड़ियां पूरी रखने के निर्देश दिए जा चुके हैं। कंपनी शहर में कूड़ा कलेक्शन के लिए 234 गाड़ियों और इसके साथ साथ इमरजेंसी के लिए 50 से अधिक गाड़ियां हर समय होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा भी गाड़ियां पूरी रखने का काम जारी रखा हुआ है। प्रतिदिन गाड़ियां बढ़ेगी। चाहे इसके लिए कंपनी को नई और रेंटल पर गाड़ियां लेनी पड़ी तो कंपनी लेगी।
कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार लगेगा जुर्माना
कमिश्नर संदीप ऋषि ने कहा कि कंपनी की गाड़ियों की निगम के स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि गाड़ियां कम चलने डोर टू डोर पूरी तरह से कूड़े की कलेक्शन ना होने पर कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार जुर्माना लगेगा। फिलहाल कंपनी को जुर्माना कम लग रहा है। अगर सुधार नहीं हुआ तो आगे जुर्माने में बढ़ावा हो जाएगा ।
टिपिंग फीस बढ़ाने पर विचार किया जाएगा
कंपनी द्वारा बार-बार यह कहा जाता है उनकी टिपिंग फीस बहुत ही कम है। कंपनी ने 7 वर्ष पूर्व जब कॉन्ट्रैक्ट दिया था उस वक्त डीजल, मशीनरी, लेबर के रेट कम थे। इस वक्त रेट काफी बढ़ चुके हैं। इस पर निगम कमिश्नर संदीप ऋषि ने कहा कि कंपनी अपनी सेवाएं दुरुस्त करें, फिर टिपिंग फीस बढ़ाने पर एग्रीमेंट के हिसाब से विचार किया जाएगा।
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