अमृतसर,20 जुलाई (राजन):श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम को एक बार फिर पैरोल दिए जाने भारी एतराज जताया है। उन्होंने बंदी सिखों की रिहाई ना किए जाने पर भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सरकार के इस कदम को गलत ठहराया है और बार-बार पैरोल देकर सिख समुदाय को नीचा दिखाने का प्रयास बताया है। ज्ञानी रघबीर सिंह ने वीडियो जारी कर कहा- उन्हें पता चला है कि सरकार की तरफ से डेरा राम रहीम, जो कि कत्ल के केस, बलात्कार के केस में जेल में बद है, को एक बार फिर पैरोल दी गई है। जिस पर पूरे खालसा पंथ को सख्त ऐतराज है। क्योंकि यह कातिल जेल में बंद है, इसे बार-बार पैरोल दी जा रही है।
जेलों में बंद सिखों की भी सरकार रिहा करे
दूसरी तरफ बंदी सिख हैं, जिन्हें जेलों में बंद हुए 30-32 साल हो चुके हैं। उन्हें किसी भी तरह से रिहाई सरकारों की तरफ से नहीं दी जा रही। यह सिखों को भारत में गुलामी का एहसास करवा जा रहा है। इसे बार-बार पैरोल देकर हमें नीचा दिखाने की सरकारों की तरफ से कोशिश की जा रही हैं। यह पूरी तरह से मानव अधिकारों की उल्लंघना है। जेलों में बंद बंदी सिखों की भी सरकार को तुरंत रिहाई करनी चाहिए ।
शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष ने दोबारा पैरोल दिए जाने पर कड़ा ऐतराज जताया
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने हत्या और बलात्कार जैसे संगीन आरोपों के तहत जेल में सजा काट रहे डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर 30 दिन की पैरोल मिलने पर कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि सरकारों की इस दोहरी नीति से सिखों में अविश्वास का माहौल पैदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर हत्या और बलात्कार जैसे अपराधों के आरोपी सौदा साध गुरुमीत राम रहीम को बार-बार पैरोल दी जा सकती है तो सरकार बंदियों की रिहाई के लिए सिख समुदाय द्वारा उठाई जा रही आवाज क्यों नहीं सुन रही है।शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि सरकारें अपने राजनीतिक हितों के लिए गुरमीत राम रहीम के जघन्य अपराधों पर आंखें मूंद रही हैं और उसे बार-बार जाने दे रही हैं। सरकारों की ऐसी नीति सिखों को अलग-थलग महसूस कराने वाली है, जो देश के लिए अच्छा नहीं है। वकील धामी ने कहा कि गुरमीत राम रहीम की पैरोल तुरंत रद्द की जानी चाहिए और उन्हें जेल में बंद किया जाना चाहिए।
30 महीने में 7वीं बार पैरोल
सिरसा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को 30 दिन की पैरोल मिल गई है। राम रहीम इस बार भी उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित बरनावा आश्रम में रहेगा। उसे सिरसा डेरे में जाने की इजाजत नहीं है। इससे पहले उसके लिए सिरसा से घोड़े और गाय पहुंचाए गए हैं और वहां पर सुरक्षा बढ़ाई गई है। राम रहीम का 15 अगस्त को जन्मदिन है, इसलिए सजा मिलने के बाद वह पहली बार जेल से बाहर अपना जन्मदिन प्रेमियों के बीच मनाएगा। राम रहीम को इसी साल जनवरी में 40 दिन की पैरोल मिली थी। कैद के 30 महीने में राम रहीम की यह 7वीं पैरोल है।
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