
अमृतसर, 20 मई(राजन):भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान द्वारा एक चैनल को दिए साक्षात्कार के दौरान हाल ही में भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच श्री हरमंदिर साहिब में सेना द्वारा एयर डिफेंस गन लगाए जाने के दावे को श्री हरमंदिर साहिब के एडिशनल मुख्य ग्रंथी ज्ञानी अमरजीत सिंह ने पूरी तरह से खारिज करते हुए इसे आश्चर्यजनक बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि हाल ही में शहर में ब्लैकआउट के संबंध में अमृतसर जिला प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों के मद्देनजर श्री हरमंदिर साहिब के प्रबंधन ने सहयोग किया। इस दौरान श्री दरबार साहिब परिसर की बाहरी व ऊपरी लाइटें निर्धारित समय सीमा के अनुसार बंद कर दी गई, लेकिन जहां भी गुरु दरबार की रस्में निभाई जाती हैं, वहां लाइटें जलाकर रस्में पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाई गई हैं।
सेना अधिकारी ने ऐसा बयान क्यों दिया, यह तो वह ही स्पष्ट कर सकते हैं

ज्ञानी अमरजीत सिंह ने कहा कि भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल का यह दावा कि हेड ग्रंथी ने ऑपरेशन सिंधुर के दौरान सेना को श्री हरमंदिर साहिब में अपनी एयर डिफेंस गन लगाने की अनुमति दी है, मूल रूप से गलत है क्योंकि ऐसी कोई अनुमति नहीं दी गई है । उन्होंने कहा कि ब्लैकआउट के दौरान किसी भी गुरु स्थान, जहां अनुष्ठान किए जाते हैं, की लाइटें बंद नहीं की गईं।सिंह साहिब ने कहा कि भारतीय सेना के अधिकारी ने ऐसा बयान क्यों दिया, यह तो वे ही स्पष्ट कर सकते हैं, लेकिन ऐसा कहना बहुत गलत और आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी के तौर पर वह इस बात पर जोर दे रहे हैं कि सेना को एयर डिफेंस गन लगाने की कोई अनुमति नहीं दी गई थी।
श्री दरबार साहिब में एयर डिफेंस गन लगाने कै संबंध में सेना के अधिकारियों ने कोई संपर्क नहीं किया

सेना अधिकारी के इस बयान के बारे में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि सरकार और जिला प्रशासन ने ब्लैकआउट के दौरान लाइटें बंद करने के लिए उनसे संपर्क किया था, जिसमें हमने प्रशासनिक जिम्मेदारी समझते हुए पूरा सहयोग किया था। उन्होंने कहा कि श्री हरमंदिर साहिब में एयर डिफेंस गन लगाने के संबंध में भारतीय सेना के अधिकारियों से कोई संपर्क नहीं किया गया है।
ब्लैकआउट के दौरान केवल बाहरी लाइटे बंद की गई
एडवोकेट धामी ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने के लिए अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी ज्ञानी अमरजीत सिंह के परामर्श से केवल बाहरी लाइटें बंद की गईं। एडवोकेट धामी ने कहा कि ब्लैकआउट के दौरान भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्री दरबार साहिब में माथा टेकने और सेवा करने के लिए आते रहे और एयर डिफेंस गन जैसी कोई घटना घटित होती तो श्रद्धालु अवश्य इसे देखते और इसका संज्ञान लेते। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि एक सैन्य अधिकारी इस तरह की बात को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि सेना के अधिकारी इस तरह के बयान क्यों दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में पैदा हुए तनावपूर्ण हालात में देश और सेना ने जो भूमिका निभाई है, वह सराहनीय है, लेकिन सिखों के प्रमुख धार्मिक स्थल के बारे में कई दिनों के बाद इस तरह की गलत जानकारी फैलाना आश्चर्यजनक है। शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर एडवोकेट धामी ने स्पष्ट किया कि एयर डिफेंस गन लगाने की कोई इजाजत नहीं दी गई है।
एयर डिफेंस गन रखने के बारे में उनसे कोई चर्चा नहीं हुई

श्री हरमंदिर साहिब के हेड ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह ने भी स्पष्ट किया कि हालांकि जब सैन्य अभियान चल रहा था, तब वह विदेश दौरे पर थे, लेकिन उस दौरान एयर डिफेंस गन रखने के बारे में उनसे कोई चर्चा नहीं हुई और न ही श्री दरबार साहिब में ऐसा कुछ हुआ। ज्ञानी रघबीर सिंह ने सैन्य अधिकारी के बयान को आश्चर्यजनक बताया।
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