
अमृतसर, 3 जून(राजन गुप्ता): नगर निगम इस वक्त वित्तीय परेशानियों में घिरा हुआ है। निगम अपने विभागों के निर्धारित किए गए आमदनी के लक्ष्यो से काफी पीछे चल रहा है। टैक्स एकत्रित करने के लिए नगर निगम के पास अधिकारियों की फौज हैं। टैक्स एकत्रित करने के लिए निगम के पास तीन सहायक कमिश्नर, एक सेक्रेटरी, 10 सुपरीटेंडेंट और भारी संख्या में इंस्पेक्टर, रिकवरी क्लर्क है। इतनी बड़ी फौज होने के बावजूद भी निगम को टैक्स एकत्रित नहीं हो रहे। निर्धारित लक्ष्य से कम टैक्स एकत्रित करने पर पहले नगर निगम के मेयर और कमिश्नर द्वारा लगातार अधिकारियों के साथ मीटिंग की जाती थी। कम टैक्स एकत्रित करने वाले अधिकारियों को चेतावनी में दी जाती थी और अधिकारियों के विरुद्ध कारवाइयां भी होती थी।
प्रॉपर्टी टैक्स कम आ रहा
नगर निगम द्वारा इस वित्त वर्ष में यानी 1 अप्रैल 2025 से लेकर 3 जून तक अपने सभी विभागों की आमदनी का रखें गए लक्ष्य से बहुत ही कम टैक्स एकत्रित हुआ है। नगर निगम द्वारा हाउस टैक्स/ प्रॉपर्टी टैक्स का वार्षिक लक्ष्य 55 करोड़ रुपए रखा हुआ है। किंतु निगम को 3 जून तक 2.32 करोड रुपए प्रॉपर्टी टैक्स एकत्रित हुआ है। जबकि पंजाब सरकार की प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर वन टाइम सेटलमेंट स्कीम चल रही है। जिससे डिफाल्टर पार्टियों को बिना ब्याज और जुर्माना के प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाना है। प्रॉपर्टी टैक्स विभाग हजारों की संख्या में डिफॉल्टर पार्टियों को सीलिंग नोटिस जारी कर चुका है। अगर अधिकारी इन पार्टियों पर दबाव दिखाएं तो करोड़ों रुपए टैक्स एकत्रित हो सकता है। इसमें शहर की पांच बड़ी पार्टियों भी है। जिसमें सबसे बड़ी पार्टी मॉल ऑफ अमृतसर ही है।इस ओर निगम अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है। भारी भरकम प्रॉपर्टी टैक्स के स्कूर्टनी के केस की पेंडिंग चल रहे हैं। इसको भी निपटाकर प्रॉपर्टी टैक्स एकत्रित हो सकता है।
एमटीपी विभाग का आमदनी ग्राफ गिरा
नगर निगम की आमदनी का मुख्य स्रोत एमटीपी विभाग है। एमटीपी विभाग का कुल लक्ष्य 81.36 करोड़ रुपए है। यह विभाग भी काफी पीछे चल रहा है। शहर में अवैध निर्माणो की भरमार है। अगर विभाग के अधिकारी इस ओर विशेष ध्यान दे तो करोड़ों रुपए टैक्स एकत्रित हो सकता है। जिसमें मुख्य रूप से कॉलोनियों से ही टैक्स आ सकता है। एमटीपी विभाग का आमदनी का ग्राफ अब इस कारण भी और गिर जाएगा क्योंकि पंजाब सरकार द्वारा एक आदेश जारी कर दिए गए हैं। जारी आदेशों के अनुसार 15 मई 2025 से अब होटल, नर्सिंग होम,अस्पताल, उद्योग और अन्य संस्थाओं का नक्शा नगर निगम के एमटीपी विभाग से मंजूर न करवा कर पंजाब ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट पोर्टल से ही मंजूर होगा। इससे एमटीपी विभाग की आमदनी काफी नीचे आ जाएगी। एमटीपी विभाग पुराने हो चुके अवैध निर्माण से कंपाउंड फीस, कॉलोनी को रेगुलराइज करके, अन्य कमर्शियल निर्माण, रेजिडेंशियल निर्माण और एनओसी देने के एवज में टैक्स एकत्रित कर सकते हैं।
अन्य विभाग भी पीछे चल रहे
नगर निगम की आमदनी के अन्य विभाग भी काफी पीछे चल रहे हैं। जिन में वाटर सप्लाई सीवरेज से 16 करोड़ रुपए लक्ष्य रखा हुआ है। वाटर सप्लाई सीवरेज विभाग ने इस वित्त वर्ष में 3 जून तक 1.30 करोड रुपए टैक्स एकत्रित किया है। इस विभाग का कमर्शियल अदारों को बिल जाने का पोर्टल 1 अप्रैल 2024 से आज तक बंद पड़ा हुआ है। इसके अलावा वाटर सप्लाई सीवरेज विभाग सभी पुरानी डिफॉल्टर पार्टियों का पोर्टल बंद पड़ा हुआ है। जिससे इस विभाग को कम आमदनी आ रही है। नगर निगम का एस्टेट विभाग काफी पीछे चल रहा है। विभाग की सेल ऑफ प्रॉपर्टी का 2 करोड़ रुपए लक्ष्य है। विभाग की अभी तक सेल ऑफ प्रॉपर्टी की पॉलिसी नहीं बन पा रही है। जबकि सेल ऑफ प्रॉपर्टी की पॉलिसी तैयार कर ली जाए तो नगर निगम अपनी जमीने में बेचकर 50 करोड रुपए से अधिक राशि एकत्रित कर सकता है। लैंड विभाग की रेंटल प्रॉपर्टी से 1.50 करोड़ रुपए टैक्स का लक्ष्य रखा हुआ है। विभाग को आज 3 जून तक 12.40 लाख रुपए और इसी विभाग की तहबाजारी का 2.20 करोड़ रुपए लक्ष्य मे से मात्र 4.32 लाख रुपए एकत्रित हुए हैं। लाइसेंस विभाग की लाइसेंस फीस 1.40 करोड़ रुपए लक्ष्य में से 8.60 लाख रुपए और इसी विभाग की कंजर वेंसी फीस का 2.50 करोड़ रुपए लक्ष्य में से 32.60 लाख रुपए ही एकत्रित हुए हैं। सिर्फ विज्ञापन विभाग अपने लक्ष्य के साथ-साथ चल रहा है।
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