पराली को आग लगाने की पूर्ण पाबंधी
अमृतसर, 21 सितम्बर (राजन): नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, नई दिल्ली के आदेशों अनुसार धान की कटाई उपरांत बची हुई पराली को आग लगा कर जलाने की पूर्ण मनाही है। जिले के समूह किसान भाई पराली को आग न लगाएं और पराली को इकट्ठा करके खेतों से बाहर निकाल लें या खेत में ही पराली की वाही कर आगे वाली फसल की बिजवाई की जाए।
इस संबंधी जानकारी देते डिप्टी कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा ने बताया कि कृषि विभाग की तरफ से पिछले दो सालों दौरान पराली प्रबंधन के लिए 1775 मशीनें किसानों, किसान ग्रुपों और सहकारी सभाओं को सब्सिडी पर मुहैया करवाई गई हैं और इसके इलावा किसानों के पास पहले से मौजूद हजारों खेती यंत्र भी पराली की संभाल के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि पराली की गांठे बनाने के लिए जिले अंदर बेलर मशीनें उपलब्ध हैं।
इस संबंधी अन्य जानकारी देते मुख्य कृषि अधिकारी अमृतसर डा. गुरदयाल सिंह बल्ल ने बताया कि इन बेलर मशीन मालिकों को मालवा से विशेष के तौर पर बुलाया गया है जिससे पराली की संभाल के लिए किसानों को कोई मुश्किल पेश न आए। उन्होंने किसानों से अपील की कि कटाई उपरांत पराली की गांठे बनाने के लिए गुरबिन्दर सिंह (94630-46547 और 99158-36547), कुलदीप सिंह (70096-48671 और 98766-23057), गुरदीप सिंह (89689-00150), कुलदीप सिंह (94641-31966), राजू सिंह (97500-00329 और 97000-93693), जगतार सिंह (94649-06242 और 78141-01180), कर्मजीत सिंह (62837-77811) को संपर्क किया जाए। इन मशीन चालकों की तरफ से बहुत ही जायज रेट केवल 1000/- रुपए प्रति एकड़ के हिसाब के साथ गांठे बनाने के साथ-साथ उठवाई भी की जाएगी और जिसके साथ आगे वाली फ़सल के लिए खेत तैयार हो जायेगा और ख़र्च भी कम आएगा। उन्होंने कहा कि पराली को आग लगा कर वातावरण को प्रदूषित न किया जाये बल्कि इसकी गांठे बना कर पराली को खेतों में से बाहर निकाल लिया जाये।