अमृतसर, 20 नवंबर: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बंदी सिखों की रिहाई के लिए चल रहे प्रयासों पर चर्चा करने के मकसद से 25 नवंबर को बैठक बुला ली है। इस बैठक में सिख विद्वानों के साथ-साथ वकील भी हिस्सा लेंगे। इस बैठक में एसजीपीसी की तरफ से बंदी सिखों की रिहाई के लिए चल रहे प्रयासों पर चर्चा की जाएगी । बीते दिनों हुए एसजीपीसी के चुनाव के बाद ये पहला मौका है, जब नई कार्यकारिणी के सदस्य सिखों के दरपेश आ रही दिक्कतों पर बातचीत हुई। इसकी अध्यक्षता एसजीपीसी के तीसरी बार प्रधान चुने गए एडवाकेट हरजिंदर सिंह धामी ने की। इस बैठक में सबसे पहले बंदी सिखों की रिहाई के अलावा करतारपुर साहिब परिसर में हुई नॉन-वेज पार्टी पर भी चर्चा हुई।
इसके अलावा विश्वभर में सिखों पर हो रही नक्सली हमलों पर भी चर्चा की गई। बीते दिनों मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक बुजुर्ग सिख को पीटा गया था। जिस पर हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि वे दो सिख परिवारों का आपसी झगड़ा था।भारत व पाकिस्तान की सरकारों को लिखेंगी एसजीपीसी इस दौरान करतारपुर कॉरिडोर के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने बताया कि 18 नवंबर की रात करतारपुर साहिब के परिसर में जो बात हुई, वे निंदनीय है। इसके लिए वे अब जल्द ही भारत व पाकिस्तान सरकारों को लिखने वाले हैं। उन्होंने कहा कि बार-बार गुरुघरों की मर्यादा को भंग किया जाता है, जिससे विश्व भर के सिखों की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचती है।
मात्र 1.32 लाख सिख हुए रजिस्टर, चुनाव आयोग से किया निवेदन
एडवोकेट धामी ने कहा कि चुनाव आयोग के कहने के बाद 5 नवंबर तक एसजीपीसी चुनावों के लिए 1.32 लाख सिख रजिस्टर हुए हैं। ये वोटें बहुत कम हैं। चुनाव आयोग यत्न कर रहा है, लेकिन इसमें कुछ पैचीदा मसले खड़े हो गए, जिस कारण वोटें कम बनी हैं। एडवोकेट धामी ने कहा कि बीएलओ या पटवारी जिन्होंने वोटें बनवानी हैं, वे बनने आयी वोटों के व्यक्तियों को तस्दीक करने के लिए पेश होने को कहते हैं। वे चुनाव आयोग से अनुरोध करेंगे कि बीएलओ व पटवारी के पास जो वोट बनवाने आते हैं, उनकी तस्दीक वे खुद जाकर करें।
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