पीड़ित परिवारों को 95 लाख रुपये की मुआवजा राशि वितरित की गई
अमृतसर, 20 दिसंबर: एडीसी हरप्रीत सिंह ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 के तहत जिले में दर्ज मामलों और उनके खिलाफ की गई कार्रवाई की समीक्षा करते हुए पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे उक्त अधिनियम के तहत पंजीबद्ध प्रकरणों को तत्काल न्यायालय में प्रस्तुत किया जाये। उन्होंने कहा कि यह कानून अनुसूचित जाति वर्ग पर विभिन्न प्रकार के अत्याचारों को रोकने के लिए बनाया गया है और यह आवश्यक है कि मामलों को अदालत में प्रस्तुत किया जाए ताकि उक्त अधिनियम के तहत आरोपी बनाए गए आरोपियों को उचित सजा मिल सके। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के तहत दर्ज मामलों के पीड़ित परिवारों को सरकार द्वारा मुआवजे का भी प्रावधान है और जिला सामाजिक न्याय एवं प्राधिकृत पदाधिकारी पालव द्वारा अब तक 95 लाख रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है।अनेक मामलों में उपवाक्य के अनुसार श्रेष्ठ है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के संबंध में जिला स्तरीय विजिलेंस निगरानी समिति का गठन किया गया है और प्रत्येक मामले पर इस समिति की नजर है, इसलिए यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे मामलों को जब तक न्यायालय में प्रस्तुत किया जाए। अभी समय है। बैठक में पुलिस कमिश्नरेट अमृतसर और जिला पुलिस अमृतसर देहातीद्वारा दर्ज मामलों की समीक्षा की गई। बैठक में जिला अटॉर्नी, डीडीपीओ संदीप मल्होत्रा, पलव श्रेष्ठ और कई गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
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