
बैसाखी का त्यौहार उल्लास और मिलन का है। फसल पकने की खुशी में मनाया जाता है। इसे कृषि पर्व भी कहते हैं । अप्रैल में इस समय तक रबी की फसल पककर तैयार हो जाती है। लहलहाती रबी की फसलों और अपनी मेहनत को देखकर किसान खुश हो जाते हैं। किसान अपनी खुशी का इज़हार बैसाखी का त्यौहार मनाकर ही करते हैं। अच्छी फसल के लिए भगवान को धन्यवाद भी कहते हैं और इससे बैसाखी का महत्व सिद्ध हो जाता है।
श्री दरबार साहिब की रौनक देखते बनती है
बैसाखी के खास मौके पर श्री दरबार साहिब की रौनक देखते ही बनती है। इस दिन विशेषकर लोग मत्था टेकने के लिए यहां आते हैं। बैसाखी वाले दिन सभी का उत्साह और भीड़ दोगुनी हो जाती है। वहाँ दरबार साहिब के दर्शन कर अरदास की जाती है। उसके बाद कीर्तन और शब्द राग गायन का आयोजन किया जाता है। गुरु जी का आशीर्वाद लेकर भक्त वहां से वापसी करते हैं।


















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