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गुरू ग्रंथ साहिब जी के सरूप लापता होने के लिए बादल सीधे तौर पर जिम्मेवारः कुलतार सिंह

लापता हुए श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी के सरूपों संबंधी विस्तारपूर्वक जांच की जरूरत

जानकारी देते हुए विधायक कुलतार सिंह साथ हैं कुलदीप धालीवाल व अन्य।

अमृतसर, 25 अगस्त (राजन): श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी के सरूपों का शिरोमणि कमेटी के पब्लिशिंग हाऊस में से लापता होने के लिए बादल सीधे तौर पर जिम्मेवार है। यह बात किसी से नहीं छिपी है कि बादलों ने अकाली दल के साथ-साथ शिरोमणि कमेटी पर भी पूरा कब्जा किया हुआ है और इस घटना के पीछे कोई गहरी साजिश हो सकती है। उक्त विचार आम आदमी पार्टी के विधायक कुलतार सिंह ने प्रैसवार्ता के दौरान बातचीत करते हुए व्यक्त किए।
कुलतार सिंह ने जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब को अपील करते हुए कहा कि इस मामले में शिरोमणि कमेटी के कुछ अधिकारियों को दोषी ठहराने की बजाए बादलों के खिलाफ कारवाई की जाए और उनको सिख पंथ से छेका जाए। उनका कहना है कि जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब को शिरोमणि कमेटी के पब्लिशिंग हाऊस से 328 सरूपों के लापता होने की एफआईआर दर्ज करवानी चाहिए ताकि संबंधित कर्मचारियों से जांच शुरू करके इस घटना में बड़ी भूमिका निभा रहे लोगों के नाम सभी सामने प्रसारण हो सकें।
शिरोमणि कमेटी के पब्लिशिंग हाऊस से 328 सरूपों के लापता होने पर चिंता जाहिर करते कुलतार सिंह ने कहा कि यह भी संभव है कि यह लापता हुए सरूप समय-समय में 200 से अधिक हुई बेअदबियों की वारदातों में प्रयोग किए गए हों और आने वाले समय में भी फिरकू भावनाओं को भड़काने के लिए इस्तेमाल किए जाने की संभावना को भी रद्द नहीं किया जा सकता। इसलिए सच्च सामने लाने के लिए मामले में विस्तारपूर्वक जांच की जरूरत है। उनका कहना है कि अकाली दल और कांग्रेस दोनों चुनावों दौरान लोगों की हमदर्दी हासिल करने और अपने मनसूबों को सफल करने के लिए सत्कारयोग श्री गुरू ग्रंथ साहिब के दुरप्रयोग करने से संकोच नहीं करते। यह हैरानी वाली बात है कि वह पार्टी जिसके कार्यकाल दौरान सबसे अधिक वारदातें घटित हुई, वह पटियाला के गाँव कल्याण से लापता इतिहासिक सरूप खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है। शिरोमणि अकाली दल ऐसे विरोध प्रदर्शनों का अपना नैतिक हक गवा चुके हैं। पिछले समय में बादलों ने साबित कर दिया है कि उनको गुरू ग्रंथ साहिब की कोई चिंता नहीं है, बल्कि वह चुनाव में अपनी कुर्सियां बचाने के लिए गुरू का प्रयोग करते हैं। अगर उनको गुरू प्रति भावना और सत्कार होता तो उनको नंगे पैरी चलकर बरगाड़ी जाना चाहिए। लोगों की गुरू प्रति भावनाओं का सम्मान करने की बजाए, बादलों ने श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के खिलाफ शांतमयी ढ़ंग के साथ प्रदर्शन कर रही संगतों पर गोली चलाने के आदेश देकर डायर की भूमिका निभाई।
कुलतार सिंह का कहना है कि लोगों ने बादलों को उनके बुरे कार्यों के लिए सजा दी है और गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं में बादलों द्वारा निभाई गई नाकारात्मक भूमिका को कभी नही भूलेंगे। इस अवसर पर कुलदीप धालीवाल, मनजिंदर सिंह लालपुरा, अशोक तलवाड़, मनीश अग्रवाल, दलबीर सिंह, रणजीत सिंह चीमा व अन्य उपस्थित थे।

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