
अमृतसर, 4 अक्टूबर (राजन): नगर निगम सदन की मीटिंग बुलाने की तैयारियां अब शुरू हो गई हैं। गत दिवस मेयर करमजीत सिंह रिंटू द्वारा इसकी घोषणा करने के उपरांत आज निगम कमिश्नर कुमार सौरभ राज ने निगम एजेंडा ब्रांच को निर्देश जारी किए हैं कि निगम के समूह विभागों को कहा जाए कि मीटिंग एजेंडा में डालने के प्रस्ताव जल्द से जल्द भेजे जाएं। इस वक्त एजेंडा ब्रांच के पास कोई भी प्रस्ताव नहीं है। निगम सदन की बैठक पिछले साल दिसंबर माह में हुई थी।
वर्तमान हाउस की पौने 5 वर्ष में मात्र 12 मीटिंग हुई
वैसे तो नगर निगम एक्ट के अनुसार एक महीने उपरांत नगर निगम सदन की मीटिंग होनी चाहिए।वर्तमान सदन मेयर करमजीत सिंह रिंटू की अध्यक्षता में जनवरी माह, साल 2018 में बना था। नगर निगम इतिहास में अब तक मेयर शिप कार्यकाल के 6 सदन बन चुके हैं। जिनमें ओम प्रकाश सोनी, सुभाष शर्मा, बृजमोहन कपूर, सुनील दत्ती, श्वेत मलिक, बख्शी राम अरोड़ा मेयर चुने गए थे। समूह चुने गए मेयर निगम सदन हाउस की जनरल मीटिंग बुलाने के लिए तत्पर रहते थे। पिछले नगर निगम सदन मीटिंग शुरू होने से पहले और मीटिंग समाप्त होने के बाद नगर निगम में राजनीतिक और आधिकारिक तौर पर कॉफी गहमागहमी रहती थी। किंतु वर्तमान सदन में पिछले पौने 5 वर्ष में मात्र 12 सदन की मीटिंग हुई है। निगम इतिहास में इस सदन की सबसे कम मीटिंग है। पिछले 10 महीनों से निगम सदन जनरल हाउस और बजट की मीटिंग हुई ही नहीं है।साल 2018 में बने इस सदन कि साल 2018 में फरवरी, मार्च, दिसंबर माह में एक-एक और जून माह में दो मीटिंग हुई हैं। इसी तरह साल 2019 में सितंबर और नवंबर माह में एक-एक मीटिंग, साल 2020 में फरवरी और दिसंबर माह में एक-एक, साल 2021 में मार्च, जुलाई और दिसंबर माह में एक-एक मीटिंग हुई है। साल 2022 में तो एक भी मीटिंग नहीं हुई है। वर्तमान इस सदन में जो 12 मीटिंग हुई हैं, उनमें एक मीटिंग मेयर और डिप्टी मेयर की नोकझोंक तथा अंतिम मीटिंग तत्कालीन कमिश्नर मालविंदर सिंह जग्गी द्वारा माल रोड पर स्थित कमिश्नर हाउस मेयर करमजीत सिंह रिंटू द्वारा अपने पास रखे जाने के आरोप के चलते अपने प्रस्तावों के साथ साथ विशेषकर इस प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए चंद मिनटों में सिमट गई थी। इन 12 जनरल हाउस की मीटिंग में ही बजट की मीटिंग भी हुई हैं। इस साल तो बजट की मीटिंग भी नहीं हुई।
इस बार मीटिंग में प्रस्तावों पर प्रश्नकाल कम शून्य काल में अधिक होगी बहसबाजी
मेयर करमजीत सिंह रिंटू और निगम कमिश्नर कुमार सौरभ राज के निर्देशों अनुसार निगम के विभागीय अधिकारियों द्वारा अपनी-अपनी विभाग के प्रस्ताव बनवाने शुरू कर दिए गए हैं। इस बार मीटिंग में प्रस्ताव कम होने के कारण प्रस्तावों पर प्रश्नकाल बहुत ही कम होगा। सदन मीटिंग में विशेषकर शून्यकाल के दौरान भारी भरकम चर्चाएं, बहस बाजी और निगम के कथित घोटालों को लेकर आवाज उठेगी। सबसे महत्वपूर्ण मेयर करमजीत सिंह रिंटू विधानसभा चुनाव से पहले इसी साल फरवरी माह में कांग्रेस पार्टी का हाथ छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो चुके हैं। इसके साथ साथ 33 पार्षद भी अपनी-अपनी पार्टियों को छोड़कर आम आदमी पार्टी का दामन थाम चुके हैं। इस बार सदन मीटिंग में शहर के 5 विधायको को भी मीटिंग में शामिल होने का निगम की ओर से एजेंडा जाएगा।
वर्तमान सदन की मीटिंग में आरोपों पर बनी सिट भी बेनतीजा
वर्तमान सदन की मीटिंग में पार्षदों द्वारा लगाए गए आरोपों पर मेयर करमजीत सिंह रिंटू द्वारा आदि दर्जन से अधिक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (सिट) गठित की गई थी। जिसमें पार्षद और अधिकारी शामिल होते थे। जितनी भी सिट गठित की गई वह भी बेनतीजा रही है। जिसमें मुख्य तौर पर 50 हजार रुपए विकास की फाइल, वल्ला आर्मी डंप के समीप रिसोर्ट को एनओसी देने, नगर निगम ऑटो वर्कशॉप डीजल पेट्रोल को लेकर, शहर में बकरे और मुर्गे की पूरी तरह से स्लॉटरिंग फीस ना आने, शहर में लगे मोबाइल टावरों से निगम को पूरा-पूरा टैक्स ना आने तथा अन्य बड़े-बड़े आरोपों पर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित करने के बावजूद विशेष कोई भी नतीजा ना आने पर आगे की कार्रवाई नहीं हो पाई है।
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