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नगर निगम अधिकारियों के वेतन से काटा गया इनकम टैक्स आईटी विभाग को जमा नहीं करवाया

आरटीआई का भी जवाब नहीं देने पर आरटीआई कमिश्नर ने बेलेबल वारंट निकाले

विशेषकर सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों और मुलाजिमों को अपनी पेंशन लगवाने, अपने फंड लेने के लिए खाने पड़ रहे हैं धक्के

अमृतसर,6 अक्टूबर (राजन): नगर निगम के अधिकारियों का पिछले वर्षों में वेतन में से इनकम टैक्स काट लिया गया। निगम की अकाउंट ब्रांच द्वारा वेतन से काटा गया इनकम टैक्स आईटी विभाग को नहीं जमा करवाया गया। इसमें भारी संख्या में अधिकारी शामिल है। जिससे विशेषकर सेवानिवृत्त हुए निगम अधिकारियों के साथ-साथ सेवानिवृत्त हुए मुलाजिमों में भी बेचैनी पाई जा रही है और अपने फंड लेने के लिए निगम ऑफिस के धक्के खाने पड़ रहे हैं। निगरान इंजीनियर ओएंडएम के ऑफिस में पिछले कई वर्षों से कार्यरत सेवादार वैष्णो दास हाल ही में सेवानिवृत्त हुए हैं, उनको भी उनका बनता हुआ फंड नहीं मिला है। वैष्णो दास की सर्विस बुक ही गायब हुई है। वैष्णो दास द्वारा जिस ऑफिस की लगातार सेवा की है,उस ऑफिस के ही चक्कर काटने पड़ रहे हैं। निगम गलियारे में वैष्णो दास की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी वायरल हो रही है। इसी तरह के भारी संख्या में केस लंबित चल रहे हैं। मौजूदा अधिकारी और मुलाजिम चुप्पी साधे हुए हैं। कईयों ने तो अपने पास से ही विभाग द्वारा उनका काटा हुआ इनकम टैक्स खुद अपने पास से ही जमा करवा दिया है।

आरटीआई का जवाब ना देने पर आरटीआई कमिश्नर ने निकालें बेलेबल वारंट

निगम के एमटीपी विभाग के सेवानिवृत्त हुए सुपरीटेंडेंट प्रदुमन कुमार ने बताया कि उनके वेतन में से वर्ष 2016 से 2019 तक में इनकम टैक्स काटा गया किंतु विभाग को काटा गया इनकम टैक्स पूरा पूरा नहीं भेजा गया। जिस पर आईटी विभाग से उनको नोटिस आया है कि आपका 41600 हजार रुपये टैक्स और ब्याज अलग से बकाया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में पहले उन्होंने नगर निगम के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर मांग की थी कि उनका काटा गया इनकम टैक्स विभाग को जमा कराया जाए। उन्होंने कहा कि उनकी कोई भी सुनवाई ना होने पर  उसके उपरांत उन्होंने आरटीआई डालकर इसका जवाब मांगा। प्रदुमन कुमार ने बताया कि नगर निगम में आरटीआई का जवाब ना मिलने पर उन्होंने चंडीगढ़ आरटीआई कमिश्नर में केस दायर किया। वहां पर भी लगातार 3 तारीखो दौरान भी कोई जवाब नहीं दिया गया।आरटीआई कमिश्नर ने नगर निगम को 5 हजार रुपए  जुर्माना भी डाला गया है किंतु अभी तक उनको  जुर्माना नहीं  मिला हैं । इस बार भी आरटीआई की सुनवाई में नगर निगम की ओर से कोई भी पेश नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि उनका अपील केस नंबर 932/2022 प्रदुमन कुमारv/s PIO O/O कमिश्नर नगर निगम अमृतसर। आरटीआई केस की सुनवाई के लिए माननीय लेफ्टिनेंट जनरल  अजय कुमार शर्मा(सेवानिवृत्त) के चेंबर में नगर निगम अमृतसर की ओर से कोई भी पेश नहीं हुआ है। जिस पर आरटीआई कमिश्नर ने अगली सुनवाई के लिए बेलेबल वारंट जारी करने के आदेश दिए हैं। इस केस की सुनवाई अब 2 नवंबर 2022 को होगी।
  प्रदुमन कुमार ने बताया कि अब 2 नवंबर को हेयरिंग दौरान उनको जानकारी मिल पाती है या नहीं। यह तो समय ही बताएगा और अगर 2 नवंबर को भी कोई पेश ना हुआ तो आरटीआई कमिश्नर के सख्त निर्णय देने की भी संभावना है।

हाईकोर्ट के निर्णय के बावजूद कम मिला पीएफ

नगर निगम से सेवानिवृत्त हुए सैक्टरी सुभाष चोपड़ा ने बताया कि पहले उनका बनता प्रोविडेंट फंड भी नगर निगम द्वारा जमा नहीं करवाया गया था। उन्हें बताया कि वह और उनके कुछ साथी सेवानिवृत्त निगम अधिकारियों ने प्रोविडेंट फंड लेने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने उनके पक्ष में निर्णय दिया। हाईकोर्ट  ने 2 महीने के भीतर उनका बनता पीएफ जमा करवाने का निर्णय दिया था। निर्णय आने पर वह निगम कार्यालय में चक्कर लगाते रहे और 3 महीने बाद उनको उनका बनता प्रोविडेंट फंड नहीं मिला। उन्होंने बताया कि उनके वेतन में से 10 प्रतिशत पीएफ काटा जाता था, उनको हाईकोर्ट के आदेशों पर नगर निगम ने 7 प्रतिशत पीएफ दिया है। उन्होंने बताया इसके लिए भी वह हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं। सुभाष चोपड़ा ने बताया कि उनके वेतन में से भी कुछ वर्ष पहले इनकम टैक्स काटा गया था किंतु आईटी विभाग को निगम की अकाउंट ब्रांच में टैक्स जमा नहीं करवाया गया। उन्होंने बताया कि आईटी विभाग से उनको लगातार नोटिस आ रहे हैं और ब्याज भी पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इसी तरह उनको मिल रही पेंशन में भी काफी डिफरेंस है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में वह निगम उच्च अधिकारियों को मिल चुके हैं किंतु उनकी कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ उनके साथ नहीं हो रहा नगर निगम ने भारी संख्या में अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ भी ऐसा ही हुआ है। जिनके खाते में पीएफ नहीं आया और ना ही पिछले वर्षों वेतन में से काटा गया इनकम टैक्स आईटी विभाग को नहीं भेजा गया है। उन्होंने कहा कि इसकी अगर उच्च स्तरीय जांच होगी तो बहुत बड़ा स्कैंडल सामने आएगा। सुभाष चोपड़ा ने कहा कि इसको लेकर भी वह हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रहे हैं।

 सेवानिवृत्त हुए अधिकारी हाई कोर्ट जाने की तैयारी में

इसी तरह से नगर निगम में सेवानिवृत्त हुए कुछ अधिकारी अपना बकाया प्रोविडेंट फंड और अन्य फंड लेने के लिए हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। जिन अधिकारियों ने नगर निगम की अपने कार्यकाल के दौरान सेवा की है, अब उनको ही अपने भुगतान लेने के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं।

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