चाहे मोहल्ला सुधार कमेटी के नौकरी से निकाले गए स्ट्रीट लाइट से संबंधित 130 और 20 सीवरमैन मुलाजिमों को लेकर हाउस बैठक आई
मेयर रिंटू के पास बहुमत नहीं का मुद्दा रहेगा ठंडे बस्ते में !

अमृतसर,7 अक्टूबर (राजन):आखिरकार 11 महीने बाद नगर निगम हाउस की बैठक अगले हफ्ते बुलाने की तैयारी की गई है। जिसमें पार्षदो के निशाने पर अफसरशाही, रुके विकास के प्रोजेक्ट, पार्षदों के साथ अधिकारियों की बेरुखी तथा निगम में फैले कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे होंगे। निगम हाउस में इस बार हंगामे के आसार बने हुए हैं। देखने वाली बात यह होगी कि शहर से चुने गए डॉ इंदरबीर सिंह निज्जर,डॉ अजय गुप्ता, कुंवर विजय प्रताप सिंह, जीवनजोत कौर और जसबीर सिंह संधू पांचों विधायक भी निगम हाउस के सदस्य हैं। इनमें से कौन कौन सा विधायक हाउस मीटिंग में शामिल होता है। सबसे महत्वपूर्ण मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू साहित अलग अलग राजनीतिक पार्टियों के 33 पार्षद आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर चुके हैं। आप ज्वाइन कर चुके पार्षद आम आदमी पार्टी के पक्ष में आवाज बुलंद करेंगे या फिर अन्य पार्टियों के पार्षदों के साथ सुर में सुर मिलाएंगे।
मेयर रिंटू के पास बहुमत नहीं का मुद्दा रहेगा ठंडे बस्ते में !
इसी साल फरवरी माह में मेयर करमजीत सिंह रिंटू ने कांग्रेस पार्टी का हाथ छोड़ कर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया था। इसको लेकर विधानसभा चुनाव की वोटिंग के उपरांत मार्च माह में ही कांग्रेसी पार्षदों द्वारा मेयर रिंटू को मेयर पद से हटाने के लिए मुहिम शुरू कर दी गई थी। तत्कालीन निगम कमिश्नर संदीप ऋषि और मेयर कार्यालय में भी कांग्रेसी पार्षदों ने मिलकर लिखित रूप से ज्ञापन दिया था कि निगम सदन में कांग्रेस पार्टी का बहुमत है। मेयर रिंटू के पास बहुमत नहीं है। इस मुद्दे पर निगम सदन की स्पेशल बैठक बुलाई जाए ताकि अप्रूव किया जा सके कि मेयर रिंटू के पास बहुमत नहीं है। निगम कमिश्नर द्वारा भी मीटिंग बुलाने के लिए मेयर कार्यालय में पत्र भेज दिया क्योंकि हाउस की मीटिंग बुलाने का अधिकार मेयर के पास है। उस समय कार्रवाईया चलती रही। इसी बीच काफी संख्या में पार्षदों ने निगम कमिश्नर को मेयर करमजीत सिंह रिंटू के हक में साइनों के साथ लिख कर प्रस्ताव भेजने को लेकर इस मुद्दे पर विशेष हाउस मीटिंग नहीं बुलाई गई। इसी बीच सीनियर डिप्टी मेयर रमण बख्शी द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी गई कि मेयर रिंटू को बहुमत साबित करने के लिए निगम हाउस की मीटिंग होनी चाहिए। हाईकोर्ट में अभी तक मामला विचाराधीन है। इस बार हाउस मीटिंग में एक बार फिर मेयर रिंटू के पास बहुमत नहीं है, का मामला ठंडे बस्ते में ही पड़ा रहेगा। निगम कानून के अनुसार निगम हाउस की बैठक में कुल उपस्थित सदस्यों में से अगर25 प्रतिशत सदस्य मेयर के हक में आते हैं, तो मेयर अपने पद पर बने रहते हैं।
नौकरी से निकाले गए 150 मुलाजिमों का प्रस्ताव मुख्य होगा
मोहल्ला सुधार कमेटी के तहत निकाले गए 150 मुलाजिमों को दोबारा रखने का प्रस्ताव भी पास करके सरकार को भेजा जाएगा। इस प्रस्ताव को लेकर ही निगम हाउस की मीटिंग हो रही है। इस प्रस्ताव को एजेंडे में डालने के लिए लगभग तैयार भी कर लिया गया है। हाउस की मीटिंग में शहर में अवैध बेसमेंट खोदे जाने और शहर में हो रहे अवैध निर्माणों को लेकरअफसरशाही टारगेट पर रहेगी, वहीं रुकी हुई डेवेलपमेंट के मुद्दे उठाए जाएंगे। निगम में अफसरशाही हावी हुई पड़ी है, कोई विकास नहीं हो रहा। पिछले 10 महीनों में किसी भी ठेकेदार की जनरल पेमेंट नहीं हुई है, जिस कारण विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं। आम आदमी पार्टी सरकार आने के बाद निगम में अफसर मिलते नहीं हैं और लोगों को अपनी फाइलें साइन करवाने के लिए कई चक्कर काटने पड़ रहे हैं। निगम अधिकारी अक्सर फोन भी नहीं उठाते हैं। जो विकास पास हुए थे, वो भी रुकवा दिए गए हैं। दीवाली, गुरुपर्व और भगवान वाल्मीकि जी प्रगट दिवस सिर पर है और इलेक्ट्रिशियन और हेल्पर निकालने के बाद स्ट्रीट लाइट की शिकायतें बढ़ गई हैं। इसके अलावा शहर में डोर टू डोर सफाई व्यवस्था और कूड़े के डंप की बायोरेमेडीएशन को लेकर मुद्दे उठेंगे। शहर में बड़ी कंपनियों द्वारा करवाए जा रहे विकास कार्य और कुछ कंपनियों द्वारा वर्क आर्डर जारी होने के उपरांत भी कार्य शुरू न होने के मुद्दे भी गंभीरता से उठेंगे। इस बार कांग्रेस और भाजपा के पार्षद तो जमकर बरसेंगे। इसी बीच निगम सदन के सदस्य विधायक अगर हाउस मीटिंग में आएंगे तो उनके साथ भी नोकझोंक होने की संभावना है।
एफएंडसीसी की 33वीं बैठक 10 अक्टूबर को होगी
नगर निगम वित्त व ठेका कमेटी की बैठक 10 अक्टूबर को होने जा रही है। इस निगम सदन की वित्त व ठेका कमेटी की यह 33 वीं बैठक रहेगी। इससे पहले 21 मई 2018 से लेकर अब तक 32 बैठकें हो चुकी हैं, जिसमें आखिरी बैठक 4 अगस्त 2022 को हुई थी। इस बैठक को लेकर एजेंडा ब्रांच के पास लगभग 23 प्रस्ताव आ चुके हैं। निगम कमिश्नर कुमार सौरभ राज द्वारा छुट्टी पर जाने के कारण कुछ प्रस्तावों पर हस्ताक्षर नहीं हो पाए। निगम कमिश्नर के सोमवार को छुट्टी से वापस आने पर कुछ प्रस्तावों पर उसी दिन हस्ताक्षर होंगे और प्रस्ताव टेबल एजेंडा में पड़ सकते हैं।
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