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श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने आदेशों की उल्लंघना करने वालों को अलग अलग सजाएं सुनाई

अमृतसर,6 दिसंबर (राजन):आज श्री अकाल तख्त साहिब में सभी  प्रबंधकीय बोर्ड को तलब किया गया है जिसके चलते बोर्ड के सदस्य श्री अकाल तख्त साहिब सामने पेश हुए। बोर्ड के 10 सदस्यों में से 7 सदस्यों के साथ मीटिंग हुई। इस दौरान श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने संबोधन करते हुए कहा कि बड़े शर्म की बात है। दुनिया भर के अंदर उनके प्रबंधक अलग-अलग गुरुओं के घरों में प्रबंध पर काबिज होने की खातिर लड़ाई कर रहे हैं। पहले ही हिदायतें दी गई थी कि प्रबंध और कब्जों की लड़ाइयों से बचना चाहिए। बता दें श्री पटना साहिब चल रहे विवाद पर जत्थेदार हरप्रीत सिंह सख्त नजर आ रहे हैं।
हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञानी इकबाल सिंह ने तनखाइयां को मीटिंग में शामिल होने से रोकने का प्रयास नहीं किया है। उन्होंने ऐसा करके आप ओहदेदारियां लेने का प्रयास किया है जिसके चलते जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने इकबाल सिंह को तनखाइयां ऐलान किया है। इसके अलावा महिंदर सिंह, राजा सिंह और इंदरजीत सिंह को भी धार्मिक सजा सुनाई है। वे 5 दिन तक 1 घंटे के लिए जोड़े साफ करेंगे। 1 घंटा कीर्तन सुनेंगे। 1 घंटा बर्तन साफ करेंगे और 5 जपुजी साहिब पाठ रोजना करेंगे। सेवा उपरांत तख्त श्री पटना साहिब में 501 रुपए की अरदास करवाएंगे। रणजीत सिंह को श्री अकाल तख्त साहिब के अंदर दाखिल नहीं करना चाहिए था। इंकलाब सिंह और रणजीत सिंह से काम्प्लेक्स खाली करवाने के लिए कहा था जो उन्होंने नजरअंदाज किया है।इस दौरान जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने कहा कि गुरुपर्व नजदीक आ रहा था। उन्होंने कहा कि गुरुपर्व से पहले जो कमेटी बनाई गई वह कार्यशील रहेगी। उन्होंने कहा कि 15 जनवरी से पहले  तख्त श्री पटना साहिब के विधान मुताबिक नए चुनाव किए जाएं। महिंदर सिंह ने जो गैर वैधानिक कमेटी बनाई है उसकी समीक्षा की जाए और जो गैर वैधानिक कार्य किए हैं उन्हें तुरंत रद्द किया जाए। इस दौरान उन्होंने श्री पटना साहिब के एडिशनल ग्रंथी को भी आदेश जारी किए कि भाई बलदेव सिंह  जो 5 प्यारे साहिबान में भी शामिल है, वह 5 दिनों के अंदर-अंदर नितनेम की वाणियों का पाठ सुनेंगे। अगर उन्होंने पाठ सुनाया तो वह पांच प्यारे साहिबान में शामिल हो सकते हैं। अगर उन्होंने पाठ नहीं सुनाया तो कमेटी को अधिकार है कि वह उनकी सेवा तबदील कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि तख्त साहिबान के प्रबंधकीय मामलों का देखने का अधिकार प्रबंधकीय कमेटी को है जो वह सेवा भावना के साथ निभाएंगे। श्री पटना साहिब तख्त में जो पांच मेंबर नियुक्त किए गए हैं वह गुरुपर्व में पूरा सहयोग करें। अगर उन्हें और सूहिलयत चाहिए तो वह 2 अन्य मैंबर भी रख सकते हैं। 
जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने सख्त आदेश देते हुए कहा कि रणजीत सिंह गौहर की सेवाओं को तुरंत खत्म किया जाए। उनके खिलाफ जो शिकायतें आई हैं उसकी जांच पड़ताल करके कमेटी जल्द से जल्द रिपोर्ट करें। इस दौरान  उन्होंने कहा कि उन्हें तख्त श्री पटना साहिब के मुलाजिमों को लेकर भी शिकायतें मिल रही हैं। तख्त श्री पटना साहिब के मुलाजिम नशे और तंबाकू का सेवन कर रहे हैं जिसे खालसा पंथ किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं करेगा। इस मामले में सख्त होते हुए उन्होंने प्रबंधकीय कमेटी को आदेश दिया कि सभी मुलाजिमों का डोप टेस्ट करवाया जाए और उनके दांत चेक किए जाएं। अगर कोई नशा या तंबाकू करता पाया जाता है तो उस पर सख्ती से कार्रवाई की जाए। उन्होंने तख्त श्री पटना साहिब के हेड ग्रंथी भाई गुरदयाल सिंह पर एक्शन लेते हुए कहा कि उन्हें जल्द तबदील किया जाए। उन्होंने तख्त श्री पटना साहिब का सारा माहौल खराब किया है। जिक्रयोग्य है कि श्री पटना साहिब से कुछ मैंबरों ने लिखित तौर पर भेजा कि यहां के हालात चिंताजनक है जिसके चलते सारे प्रबंधकीय बोर्ड के मैंबर श्री अकाल तख्त साहिब आज पेश होने का आदेश दिया था। आज बोर्ड के सारे मैंबर श्री अकाल तख्त साहिब में हाजिर हैं। इन्हें कुछ सवाल पूछे तो उन्होंने लिखित जवाब दिए। उन्होंने कहा कि तख्त श्री पटना साहिब सिखों का महान और पवित्र तख्त है। वहां लाखों की तदाद में संगत नतमस्तक होती है परंतु वहां कुछ समय से प्रबंध को लेकर बहुत सारे लड़ाई-झगड़े हुए हैं। उनके संबंध में लगातार बोर्ड के मैंबरों और सिख संगत की ओर से बहुत सारी शिकायतें पहुंची हैं। सिखों का गुरुद्वारों का प्रबंध सरकारी विभाग के अंदर नहीं होना चाहिए चाहे कोई भी गुरुद्वारा कमेटी हो। पंथ को इस बारे सोच-विचार करने की जरूरत है। 
जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने कहा कि पटना साहिब जत्थेदार का विवाद बहुत देर से चल रहा है। जत्थेदार पर बड़े आरोप लगे हैं। यह छोटी-मोटी बात नहीं है वह बहुत बड़ी बात है। जत्थेदार पर जो दोष लगे है वह नहीं लगने चाहिए थे। उन्होंने विवाद न तो खुद निपटाया और न ही मामला श्री अकाल तख्त साहिब तक पहुंचाया। हालात यहां तक पहुंच गए कि प्रबंध को लेकर तलवारे निकाली जाने लगीं। उन्होंने कहा कि अकाल तख्त के आदेश की उल्लंघना की गई है। एक तनखाइयां को बोर्ड की मीटिंग में शामिल करने की उल्लंघना है। रणजीत सिंह और महिंदर सिंह को अकाल तख्त से बाहर क्यों नहीं किया गया। महिंदर सिंह और राजा सिंह को सवाल पूछे गए। रणजीत सिंह और इकबाल सिंह को जत्थेदार नहीं लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि तनखाइयां जितनी देर सेवा पूरी नहीं करता उन्हें मीटिंग में शामिल करना यह गलती है।

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