न ही बायो रेमिडेशन हुई, डंप में बने कूड़े के पहाड़

अमृतसर,1 जुलाई (राजन):शहर में डोर टू डोर कूड़ा लिफ्टिंग कर रही कंपनी नगर निगम से प्रतिमाह लगभग डेढ़ करोड़ रुपया पिछले 7 वर्षों से लगातार ले रही है। इसके अलावा कंपनी इस वक्त शहर के कमर्शियल और रिहायशी अदारो से भी प्रतिमाह लगभग 50 लाख रुपया एकत्रित कर रही है। कंपनी को फील्ड में कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां पूरी तरह से ना भेजने पर मामूली जुर्माना लग रहा है। जबकि रेगुलर डोर टू डोर कूड़ा लिफ्टिंग ना होने, फील्ड में पूरी गाड़ियां ना भेजने, गाड़ियों में गीला सूखा कूड़ा अलग ना रखने, गाड़ी चालक द्वारा यूनिफार्म ना डालने और बायो रैमिडेशन ना होने पर कंपनी को भारी-भरकम जुर्माना लगना चाहिए। ऐसा नहीं हो रहा है। इस बार यह मामला गरमाने पर नगर निगम द्वारा इस महीने कंपनी को भारी-भरकम जुर्माना लगाने जा रहा है।दूसरी तरफ कंपनी टिपिंग चार्जेस नहीं बढ़ाए जाने का हवाला देते हुए अपनी मजबूरी बता रही है। स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर केंद्रीय टीम भी शहर में आने वाली है।ऐसे में इस स्थिति में गुरू नगरी की रैकिंग सुधरना संभव दिखाई नहीं दे रहा।
किसी भी वार्ड में रैगुलर लिफ्टिंग नहीं

शहर की 85 वार्डों में से किसी भी वार्ड में रेगुलर कूड़ा लिफ्टिंग नहीं हो पा रही है। वहीं कई वाड़ों-इलाकों में तो तीन दिन तक कूड़ा नहीं उठाया जा रहा है। पूर्व पार्षद और शहर वासी नगर निगम को भारी भरकम शिकायतें कर रहे हैं। इलाके के लोग खाली प्लाटों या इधर-उधर कूड़ा फेंकने को मजबूर हो रहे हैं। कई इलाकों में प्लाटों में कूड़े के ढेर लगने के वीडियो वायरल हो चुके हैं। शहर के पाश इलाकों में भी कई जगह कूड़े के ढेर दिखाई दे रहे हैं। कंपनी के कई कंपैक्टर खराब होने के कारण बिन खाली करने में भी वक्त लग रहा है।
बायोरेमेडीएशन का काम पड़ा हुआ है थप्प

भगतवांला डंप पर बायो रैमिडेशन का काम भी थप्प पड़ा हुआ है। पिछले लंबे समय से बायो रेमिडेशन नहीं किए जाने के कारण दोबारा से डंप पर कूड़े का पहाड़ बढ़ गया है। निगम के साथ जून 2020 को हुए सप्लीमेंट्री एग्रिमेंट में कंपनी को 9 महीने में अपना कामकाज सुधारने का समय दिया गया था। इसके बावजूद भी बायोरेमेडीएशन नहीं हो पा रही है।
निगम ने अवरडा कंपनी को नया नोटिस भेजा
निगम ने अवरडा कंपनी के सीईओ को ई-मेल के जरिए नया नोटिस भेजा है। जिसमें बायो रेमिडेशन में तेजी लाने, रैगुलर कूड़ा लिफ्टिंग करने, गीला कूड़ा अलग-अलग करने, गाड़ियों की संख्या बढ़ाने का हवाला देते हुए 10 दिन में सुधार करने के लिए कहा गया है। कुछ दिन पहले ही अवरडा के टाप आफिशियल के साथ निगम की वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बैठक भी हुई थी। जिसमें यह सारे मुद्दे डिसकस किए गए थे लेकिन इसके बाद भी कोई सुधार नहीं दिखा है ।
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