अमृतसर,24 अक्टूबर :पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू नेआम आदमी पार्टी की सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है। उन्होंने भगवंत मन की सरकार मुद्दों से भटकाने और सभी का ध्यान सतलुज यमुना लिंक की तरफ केंद्रित करने के आरोप लगा दिए हैं। उनका कहना है कि पंजाब के पास पानी कम है, लेकिन जो पानी है, उसे बचाने के लिए सरकार कुछ नहीं कर रही है। नवजोत सिंह सिद्धू आज जालंधर में पहुंचे थे। जालंधर प्रेस क्लब में सिद्धू ने कहा- ये पंजाब की त्रासदी रही है। लोगों ने अपने फायदे के लिए सिस्टम को बदल दिया और पंजाब
को पीछे धकेल दिया। आज भी असली मुद्दों से ध्यान को भटकाया जा रहा है। अब एस वाई एल का मसला निकाल लिया। पंजाब में पानी की कमी है। 10 सालों में बारिश 30 प्रतिशत कम हुई है। पंजाब के पास पानी देने के लिए नहीं है, लेकिन ये सिर्फ भटकाने के लिए उठाया गया। असल मुद्दा ये है कि पानी जो हमारे पास है, उसकी मैनेजमेंट कैसे करनी है।उन्होंने कहा कि 80 प्रतिशत पंजाब वाटर डार्क जोन में है। पानी की दिक्कत इतनी अधिक बढ़ चुकी है कि पीने का पानी नहीं है। मालवा से कैंटर ट्रेनें चल रही हैं। नहरी पानी जो पीने के लिए लोगों को मिलना चाहिए, वे हम दूषित कर चुके हैं। पंजाब के हरिके का पानी जो ए ग्रेड पीने लायक था, अब सी ग्रेड हो चुका है। अब सिर्फ पंजाब में रोपड़ नहर का पानी ही पीने योग्य रहा है। लेकिन क्या पंजाब के लोगों को पीने योग्य पानी उपलब्ध करवाना उनका हक नहीं है।
जमीनी वाटर रिचार्ज करने का कोई तरीका नहीं
नवजोत सिद्धू ने कहा कि पंजाब में कहीं भी जमीनी पानी को रिचार्ज करने का प्रयास नहीं किया जा रहा है। घरों में वाटर रिचार्ज वैल का प्रावधान है, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा । कनाल इरिग्रेशन को रिस्टोर करो, उसकी तरफ कोई ध्याननहीं दे रहा है।
पंजाब के असल मुद्दों पर क्यों नहीं होती बात
सिद्धू ने कहा कि पंजाब में रेता 15000 रुपए तीन सैकड़ा मिल रहा है। जो कांग्रेस के समय 3300 रुपए में मिल में रहा था। पंजाब 17 से 20 रुपए में बिजली खरीद रहा है । पीएसपीसीएल को गिरवी रख लोगों को सुविधाएं दी जा रही हैं। किसानों को मंडियां बना कर देने की बात कही थी, जहांअच्छे दाम मिलें। शराब से रेवेन्यू इकट्ठा करने की बातें होती थी, लेकिन अवैध शराब बिक रही है। पंजाब के इन मुद्दों पर कोई बात करने को तैयार नहीं है ।
राजनेता, पुलिस और तस्करों का नेक्सस तोड़ने की जरूरत
सिद्धू का कहना है कि पंजाब में नशा बंद करने की बातें होती थी, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। पंजाब में राजनेताओं, पुलिस और तस्करों का नेक्सस चल रहा है। जिसे तोड़ना होगा। ये भाईवाला सिस्टम बदलना पड़ेगा। पंजाब में एजुकेशन पॉलिसी रह कहां गई। नौजवान ही गांवों में नहीं रहा है तो पॉलिसी किस के लिए है। विदेश में ट्राला चलाने वाला वहां 7000 डॉलर कमा रहा है, लेकिन सरकारयहां बातें बना रही है। हमारे पास टीचर्स, इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी नहीं है, लेकिन उनकी डिजर्व सैलरी तो दो।
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