
अमृतसर,9 मई : चुनाव व्यय पर्यवेक्षक गणेश सुधाकर आईआरएस ने एमसीएमसी सेल का दौरा करने के बाद निर्देश दिए कि चुनाव उल्लंघन के मामले में संबंधित उम्मीदवारों को समय पर नोटिस जारी किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सोशल मीडिया, इंटरनेट, वेबसाइट भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का हिस्सा हैं, इसलिए इन पर कोई भी (ऑडियो/वीडियो) सामग्री अपलोड करने से पहले एमसीएमसी सेल की मंजूरी लेना अनिवार्य होगा। उन्होंने सीएमसी सेल को निर्देश देते हुए कहा कि पेड न्यूज पर विशेष नजर रखी जाए।
ऑडियो/वीडियो के मामले में पूर्वानुमति अनिवार्य

सुधाकर ने कहा कि यदि कोई राजनीतिक दल किसी सार्वजनिक स्थान पर ऑडियो/विजुअल/वीडियो सामग्री को विज्ञापन के रूप में चलाना चाहता है, तो एमसीएमसी सेल की पूर्व अनुमति भी लेनी होगी। उन्होंने कहा कि चुनाव के दिन या एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में प्रकाशित विज्ञापनों के प्री-सर्टिफिकेशन (पूर्व अनुमोदन) के लिए उम्मीदवार या पार्टी को कम से कम दो दिन पहले एमसीएमसी द्वारा सूचित किया जाना चाहिए।
पंपलेट या विज्ञापन छापते समय उस पर मुद्रक एवं प्रकाशक का नाम एवं पूरा पता छापना अनिवार्य
उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा प्रचार पोस्टर, पंपलेट, बैनर, वॉलपेपर आदि छपवाते समय जिला स्तरीय एमसीएमसी (मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी) से पूर्व-प्रमाणन प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन उन्हें आगामी व्यय की जानकारी होनी चाहिए। प्रत्येक मामले में आरओ व्यय कक्ष में दिया गया। चुनाव व्यय प्रेक्षक ने बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान किसी भी प्रकार की प्रचार सामग्री पंपलेट या विज्ञापन छापते समय उस पर मुद्रक एवं प्रकाशक का नाम एवं पूरा पता छापना अनिवार्य होगा. उन्होंने कहा कि वह मुद्रित सामग्री की चार प्रतियां भी जमा करेंगे। यह संपूर्ण अधिसूचना मुद्रण के तीन दिन के भीतर प्राप्त होनी चाहिए।उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि किसी भी प्रचार सामग्री को छापने से पहले यह घोषणा पत्र लिया जाए कि यह चुनाव सामग्री किसके द्वारा और कितनी संख्या में छपवाई जा रही है तथा मुद्रित प्रचार सामग्री की कीमत की जानकारी जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिलाधिकारी को दी जाए। व्यय कोषांग के माध्यम से भुगतान अनिवार्य होगा।वीडियो के मामले में, वीडियो के अलावा स्क्रिप्ट का लिखित वेरीफाई भी देना होगा। साथ ही वीडियो बनाने पर हुए खर्च का ब्योरा भी बताना होगा।उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को उस दिन का ब्योरा भी देना होगा जिस दिन विज्ञापन छपवाया जायेगा।इसके साथ ही उन्होंने टीम के सदस्यों को फेक न्यूज, पेड न्यूज और लगातार हो रहे उत्पीड़न के बारे में भी जानकारी दी।उन्होंने कहा कि ब्लॉग/स्वयं अकाउंट पर पोस्ट की गई किसी भी राजनीतिक सामग्री, संदेश/टिप्पणी/फोटो/पोस्ट के लिए पूर्व-प्रमाणन की आवश्यकता नहीं है।
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