अमृतसर,7 अक्टूबर(राजन):कृषि एवं किसान कल्याण विभाग प्रखंड तरसिका की ओर से डिप्टी कमिश्नर गुरप्रीत सिंह खैहरा और मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. कुलजीत सिंह सैनी के निर्देशन में एवं प्रखंड कृषि पदाधिकारी डाॅ. मनिन्दर सिंह के कुशल नेतृत्व में पराली प्रबंधन योजनान्तर्गत फसल अवशेष को न जलाने के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए ग्राम दशमेश नगर में प्रखंड स्तरीय किसान शिविर लगाया गया। इस अवसर पर डॉ. बिक्रमजीत सिंह, उप निदेशक, कृषि विज्ञान केंद्र, नाग कलां मुख्य अतिथि थे। शिविर के दौरान मनिंदरजीत सिंह ने सभी किसानों से पराली को आग लगाने से बचने की अपील की
उन्होंने कहा, “आज जब कोरोना महामारी फैल रही है, पर्यावरण को प्रदूषण से बचाना हम सभी का कर्तव्य है ताकि सभी को स्वच्छ हवा मिल सके।” मुख्य अतिथि डाॅ बिक्रमजीत सिंह के उप निदेशक केवीके ने कहा कि पंजाब सरकार ने अब तक लगभग रुपये की सब्सिडी दी है।इस उद्देश्य के लिए यदि किसी किसान को जुताई के लिए औजारों की आवश्यकता है, तो वह कृषि विज्ञान केंद्र से जुताई के लिए उपकरण बिना किसी किराए के ला सकता है। उन्होंने किसानों को घर की बागवानी के लिए सब्जियां और घरेलू खपत के लिए तेल की फसल लगाने की भी सलाह दी। इस अवसर पर एडीओ हरुपिंदरजीत सिंह ने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा जारी रेक फसलों और गेहूं की नई किस्मों के बारे में तकनीकी जानकारी दी। राशपाल सिंह एडीओ ने कहा कि भूसे को जलाने से भूसे के आवश्यक तत्व जलकर राख हो जाते हैं जबकि इन तत्वों को मिट्टी में मिलाने से उर्वरकों पर हमारी निर्भरता काफी कम हो सकती है. इससे किसानों की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा। इस अवसर पर। डी। सतविंदर बीर सिंह ने आज के समय में भूसे में आग लगाए बिना हैप्पी साइडर और सुपर साइडर के साथ गेहूं की बुवाई की जानकारी दी और उन किसानों के अनुभव साझा किए जो खेतों में पुआल मिलाते थे। अंत में एई हजूर सिंह ने आने के लिए किसानों का धन्यवाद किया। इ। हजूर सिंह, शरणजीत सिंह, गुरजीत सिंह, कश्मीर सिंह, रविंदर सिंह, बलजिंदर सिंह, जसबीर सिंह सहित अन्य स्टाफ सदस्य उपस्थित थे.