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राजनीतिज्ञों और अधिकारियों की मिलीभगत से शहर में अवैध कॉलोनियों की भरमार

अमृतसर,4 जून (राजन): शहर में अवैध कालोनियों की भरमार है। पिछले नौ वर्षों  में पंजाब सरकार ने अवैध कालोनियों को नियमित करवाने के दो मौके तो दिए, पर सरकार का अंकुश न होने की वजह से कालोराइजरों ने राजनीतिज्ञों औऱ अधिकारियों की मिलीभगत से कालोनियां नियमित करवाना उचित नहीं समझा। यही वजह है कि साल 2013-14 में आई पालिसी में कालोनियां नियमित तो हुई, पर अभी तक 26 कालोनियों का 5.20 करोड़ बकाया है। वर्ष 2018 में आई पालिसी में 26 आवेदनों के बावजूद मात्र एक कालोनी नियमित हो सकी।  वर्ष  2013-14 में निकाली गई पालिसी में निगम सीमा के अंदर 87 अवैध कालोनियों को नियमित किया गया। इसमें से 26 कालोनियों ने अभी तक 5.20 करोड़ का बकाया जमा नहीं करवाया है। दूसरी बार साल 2018 में आई पालिसी की कई बार अवधि बढ़ाई गई। 31 जनवरी 2021 इसकी आखिरी तारीख थी। 16 महीने बीतने के बावजूद आवेदन न करने वाले अवैध कालोनियों के कालोनाइजरों के खिलाफ भी एफआइआर दर्ज नहीं करवाई गई है। पालिसी में स्पष्ट कहा गया था कि आखिरी तिथि निकलने के तीन महीने के अंदर आवेदन न करने वाली कालोनियों को ढूंढ़कर केस दर्ज करवाना था। इतना ही नहीं निगम ने योजना खत्म होने के बाद 11 नई अवैध कालोनियां ढूंढ़ने की बात कही है। इनमें से किसी के खिलाफ भी अभी तक एफआइआर दर्ज नहीं करवाई जा सकी है। अभी तक खानापूर्ति करते हुए इन्हें नोटिस ही भेजे गए हैं। 2018 की पालिसी में एक कालोनी ही नियमित हुई

25 अवैध कॉलोनियां

18 अक्टूबर 2018 को आई पालिसी में 26 अवैध कालोनियों ने नियमित करवाने के लिए आवेदन किया था। इसमें तरनतारन रोड स्थित बीडीएस एन्क्लेव को ही नियमित करते हुए मंजूर किया गया, जबकि शेष 25 कालोनियों को पालिसी निकालने के ढाई साल बाद भी नियमित नहीं किया जा सका है। पालिसी की समयावधि बढ़ाते हुए आखिरी तारीख 31 जनवरी 2021 की गई थी। नियमित करने के तहत लंबित 25 कालोनियां झब्बाल रोड, छेहरटा, काला घन्नुपुर, वडाली गुरु अर्बन, मजीठा रोड, गुज्जरपुरा, मूलेचक्क, वेरका, वेरका-बटाला रोड, बटाला रोड तुंगपाई, बोहड़ी साहिब रोड, सुल्तानविड, जंडपीर इलाकों में बनी हैं।

अवैध कालोनियों के कालोनाइजरों पर 16.28 करोड़ बकाया

दो बार आई पालिसी के बावजूद 16.20 करोड़ रुपये कालोनाइजरों पर खड़ा है। निगम इन कालोनियों को पांच बार नोटिस भेज चुकी है। 25 कालोनियों के आवेदन पेंडिग होने के पीछे निगम ने इनकी रेवेन्यू रिपोर्ट, एग्रीमेंट तस्दीक होने, शामलाट जगह की वेरिफिकेशन होने का हवाला दिया है। अवैध कालोनियों पर कार्रवाई के लिए एमटीपी विभाग को समय-समय पर निर्देश दिए जाते रहे हैं। कालोनियों को नियमित करने का अंतिम निर्णय निगम कमिश्नर पर आधारित कमेटी ने लेना है।

अवैध कॉलोनियों पर दर्ज करवाएंगे एफ आई आर : मेयर 

मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू ने कहा कालोनियों संबंधी रिपोर्ट राजस्व व दूसरे विभागों से मांगी गई। निगम सदन में भी पार्षदों ने कुछ अवैध कालोनियों का जिक्र किया था, उसकी भी रिपोर्ट एमटीपी विभाग से मांगी गई थी। जिन अवैध कालोनियों को नियमित नहीं किया जा सका है, उन पर एफआइआर भी दर्ज करवाई जाएगी।

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