
अमृतसर/ चंडीगढ़ , 29 सितंबर (राजन): पंजाब विधानसभा सत्र में कुंवर विजय प्रताप सिंह ने बरगाड़ी मुद्दे पर कहा कि पंजाब को पता है कि 2015 में बरगाड़ी की घटना हुई और 14 अक्टूबर को 7 साल पूरे होंगे। पिछली 14 तारीख को सुखबीर सिंह बादल को एसआईटी ने तलब किया था। पूछताछ के बाद बाहर होने पर सुखबीर बादल ने पहला बयान दिया कि जब हमारी सरकार आएगी तो कुंवर विजय प्रताप को नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि मेरे खिलाफ बोलने की शक्ति सुखबीर बादल को किसने दी।

आईजी रैंक के अधिकारी एलके यादव की एसआईटी का हेड नियुक्त किया। हाईकोर्ट 4 मई को आठ अधिकारियों को पदोन्नत किया और आठवें नंबर पर ही एलके यादव था और उसे ही एसआईटी का हेड बनाया गया। समझा जा सकता है कि ऐसा क्यों किया गया। 9 अप्रैल को जो रिपोर्ट खारिज की गई थी।कुंवर विजय प्रताप सिंह ने कहा कि मैं 8 अप्रैल को कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिला था और रिपोर्ट खारिज न करवाने की अपील की थी। लेकिन इन्होंने जल्दबाजी में एडवाइजर प्रशांत किशोर की सलाह पर काम किया गया। 9 तारीख को डीजीपी समेत सरकार के बड़े पदों पर आसीन लोगों को एक ई-मेल आया। इससे पता लगता है कि पंजाब की कैप्टन सरकार को रिपोर्ट खारिज करवाने की काफी जल्दबाजी थी। उन्होंने कहा कि 9 अप्रैल को खारिज रिपोर्ट का लिखित आदेश 23 अप्रैल का आया। लेकिन संविधान में ऐसा कहीं नहीं है कि आदेश सुनाने के 15 दिन बाद उसे लिखित तौर पर सामने लाया जाए। कुंवर विजय प्रताप सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार उनकी अपील के संबंध में अपने स्तर पर कार्यवाही कर फैसले को चुनौती दे ।
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