ध्वनि प्रदूषण की भी करवाई जा रही है मॉनीटरिंग
अमृतसर, 15 अक्तुबर(राजन): स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहर के अलग-अलग हिस्सों में प्रदूषण के स्तर की मॉनीटरिंग करवाई जा रही है । जिसके तहत वायु प्रदूषण के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण के स्तर की जांच की जाएगी।जिसके तहत शहर के कुल 13 मुख्य स्थानों बस स्टैंड, मकबूलपुरा चौंक, सौ फुटी रोड चौंक, भगतांवाला चौंक,डी.टी.ओ ऑफिस चौंक, रियाल्टों चौंक, बी-ब्लाक मार्केट रणजीत एवन्यू, फोर एस चौंक, मुस्तफाबाद बीआरटीएसस्टेशन (बटाला रोड), रतन सिहं चौंक, छहरटा चौंक, मजीठा रोड बाईपास चौंक, टाऊन हॉल में तीन दिनों तक 24घण्टें लगातार कोम्बो डस्ट सैंपलर मशीन तथा नोईज़ लैवेल मीटर से वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण की जांच करवाई जा रही है । इसके बारे में अधिक जानकारी देते हुए सीईओ स्मार्ट सिटी तथा निगम कमिशनर कोमल मित्तल
ने बताया की अभी तक शहर में इससे पहले इतने व्यापक स्तर पर प्रदूषण की जांच नही की गई है । स्मार्ट सिटी मिशन के तहत करवाए जा रही इस मॉनीटरिंग का मुख्य उदेश्य शहर के अलग-अलग हिस्सों में प्रदूषण के स्तर को मापना है । इसीलिए तीन दिनों तक एक जगह पर होने वाली जांच के लिए हफ्ते के कोई भी दो वर्किंग डे (शनिवार छोड़कर) और रविवार का दिन निधारिंत किया गया है । इसके साथ ही मोटर वाहनों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण की भी मॉनीटरिंग करवाई जा रही है । इस मॉनीटरिंग में केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा प्रदूषण की जांच के लिए निर्धारित किए सभी 12 मानकों की जांच की जा रही है । जिसमें मुख्यत: हवामेंमौजूदपीएम10और2.5,स्लफ़र-
उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत करवाई जा रही इस मॉनीटरिंग को दो चरणों (मानसून से पहले और मानसून से बाद) में करवाया जाएगा । अभी मॉनीटरिंग का मानसून के बाद का चरण चल रहा है । अभी की जाने वाली मॉनीटरिंग से हमें शहर में प्रदूषण के उच्चतम स्तर का पता चलेगा, क्योंकि इस वक्त उत्तर भारत में पराली जलाने से प्रदूषण का स्तर साल में सबसे अधिक होता है, जिससे हमें पूरे शहर में प्रदूषण के स्तर सही आकलन कर पाएगें ।
शहर में अभी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा 24 घण्टें चलने वाले दो प्रदूषण मॉनीटरिंग स्टोशनों से प्रदूषण की जांच की जा रही है । जिसमें से एक फोकल प्वाईंट और दूसरा दरबार साहिब के पास स्थित है । लेकिन इन स्टोशनों की रेंज सीमित होने कारण पूरे शहर के बाकी के हिस्सों में प्रदूषण के स्तर सही-सही आकलन करना मुशकिल हो जाता है। इसके अलावा इन स्टेशनों में ध्वनि प्रदूषण के स्तर की भी जांच नही की जाती । इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए यह मॉनीटरिंग अलग-अलग चरणों में करवाई जा रही है । जिससे प्राप्त होने वाले आकंड़ो का आकलन करके प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए व्यापक रणनीति बनाने के लिए किया जा सकेगा ।
कोमल मित्तल, सीईओ स्मार्ट सिटी