अमृतसर,23 नवंबर (राजन): नगर निगम द्वारा साल 1996-97 में हाथी गेट से लेकर लोहागढ़ तक 86 दुकाने तीन लेकर साढे तीन लाख तक अलॉट की गई थी। इसमें अधिकांश लोगों द्वारा नगर निगम को बकाया किस्ते नहीं जमा कराई गई। किसी द्वारा दो तो किसी द्वारा तीन कितने जमा करवाने के बाद निगम को भुगतान करना बंद कर दिया। निगम द्वारा पिछले 15 वर्षों से इन दुकानदारों को दुकानें सील करने के नोटिस जारी किए जा रहे हैं। पहले कुछ पर कार्रवाई अभी हुई है। नगर निगम का इस पर ब्याज सहित एक करोड़ रुपयों से अधिक का बकाया है।
एस्टेट विभाग ने आज की कार्रवाई
निगम उच्च अधिकारियों के आदेशों पर एस्टेट अफसर धर्मेंद्रजीत सिंह और उनकी टीम द्वारा आज कार्रवाई शुरू की गई। जिसके तहत हाथी गेट से लेकर लोहागढ़ तक डिफॉल्टर 23 दुकानों को सील कर दिया गया। इन दुकानों में एक बड़ी कंपनी की टेस्टिंग लैब, टैक्सी स्टैंड, फूल विक्रेता और अन्य दुकानें शामिल है। धर्मेंद्रजीत सिंह ने बताया कि जिन जिन को दुकान अलॉट हुई थी, उनमें से किसी ने आगे बेच दी है या किराए पर दे रखी है। उन्होंने बताया कि दुकानों को सील करने के लिए पहले से कई बार नोटिस जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि इसकी लिखित शिकायत पुलिस को भी दे दी गई है कि अगर कोई भी दुकानदार खुद सील को तोड़ेगा, उसके विरुद्ध एफ आई आर दर्ज होगी।
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