
अमृतसर,17 मई(राजन): डिप्टी कमिश्नर हरप्रीत सिंह सूदन ने नहरों से खेतों में नदी का पानी लाने वाली सुईयों में घरों और दुकानों से निकलने वाले गंदे पानी को रोकने के निर्देश देते हुए कहा कि हर हाल में प्रकृति के इस अमूल्य संसाधन गंदे पानी से प्रदूषित नहीं होने देना चाहिए।उन्होंने आज पर्यावरण समिति की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पानी हमारे जीवन के लिए सबसे जरूरी तत्व है और इसमें गंदा पानी डालना अपने आप में बहुत बड़ा अपराध है।उन्होंने पंचायत एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर इस कार्य को रोकने तथा प्रत्येक नहर व सूई को इस गंदे पानी से मुक्त करने के निर्देश दिये।उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में हमारी योजना नहर के पानी को साफ कर लोगों को पीने के लिए देने की है और इस परियोजना के लिए कई जगहों पर काम चल रहा है,जिस पर करोड़ों रुपये खर्च होंगे।उन्होंने कहा कि अगर इस गंदे पानी को नहीं रोका गया तो हमारा मकसद अधूरा रह जाएगा।
पर्यावरण जागरूकता में भाग लेने की शपथ दिलवाई

इसके साथ ही डीसी ने पर्यावरण को बचाने के लिए सभी विभागों को मिलकर कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि गांवों में गंदे पानी को साफ कर खेतों में उपयोग करने के लिए थापर मॉडल तालाब विकसित किए जाएं। उन्होंने एडीसी को रुके हुए पानी को साफ करने के लिए बायो ट्रीटमेंट के साथ प्रयोग करने के भी निर्देश दिए। इस अवसर पर सदून ने बैठक में उपस्थित अधिकारियों व कर्मचारियों को पर्यावरण को बनाए रखने और इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए लगातार काम करते रहने की शपथ दिलाई। उन्होंने जिलावासियों से भी अपील की कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकारी विभागों का काम नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक की जिम्मेदारी है। डीसी सूदन ने कहा कि यदि जिले में रहने व आने वाले लगभग 20 लाख लोग अपनी लापरवाही से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं तो इसकी सफाई का कार्य सैकड़ों सरकारी कर्मचारी नहीं कर सकते हैं, इसलिए प्रत्येक नागरिक को कार्य करना होगा। इस अवसर पर नगर निगम कमिश्नर संदीप ऋषि, अतिरिक्त उपायुक्त श्रीमती अमनदीप कौर, अतिरिक्त उपायुक्त रविन्द्रपाल सिंह, एसडीओ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अमृतपाल सिंह, एसडीओ पंचायत विभाग बिक्रमजीत सिंह सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।
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