
अमृतसर,12 जुलाई (राजन):पंजाब के कृषि मंत्री गुरुमीत सिंह खुडियन द्वारा दिए गए निर्देश के तहत मुख्य कृषि अधिकारी जितिंदर सिंह गिल ने जिले के डीलरों, वितरकों, एग्रोकेमिकल कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और निर्देश जारी किए कि कोई भी डीलर/वितरक/कंपनी उर्वरकों की बिक्री के साथ अनावश्यक कृषि इनपुट को टैग नहीं करेगा। यदि कोई ऐसा करता पाया जाए तो उसके विरुद्ध उर्वरक अधिनियम (एफसीसी 1985) के तहत उचित कार्रवाई की जाए। डॉ गिल ने कहा कि अमृतसर जिले में रसायन मुक्त बासमती के उत्पादन के लिए ब्लॉक चार में एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है, इसके अलावा पूरे राज्य में गुणवत्तापूर्ण बासमती के उत्पादन के लिए हर साल कुछ कृषि रसायनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जाता है। इसलिए इन प्रतिबंधित रसायनों को नहीं बेचा जाना चाहिए। उन्होंने किसानों से अपील की कि फसलों को एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना की सिफ़ारिश के मुताबिक खाद और दवाइयां केवल अपेक्षित मात्रा में ही दें। डॉ गिल ने सभी कृषि अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले सभी उर्वरक विक्रेताओं की जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि उर्वरक विक्रेता किसानों को निर्धारित दर पर उर्वरक बेचें और अनावश्यक कृषि सामग्री को उर्वरक के साथ टैग न करें। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कृषि विभाग द्वारा छापेमारी के लिए उड़नदस्ता दल का भी गठन किया गया है। इस अवसर पर गुरप्रीत सिंह जिला प्रबंधक मार्कफेड अमृतसर, गुरप्रीत सिंह एडीओ इंफोर्समेंट, गुरप्रीत सिंह एडीओ (पीपी) अमृतसर भी उपस्थित थे।
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