
अमृतसर,12 अगस्त (राजन): बैटरी से चलने वाले ई-रिक्शा का अब रजिस्ट्रेशन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी ने पंजीकरण करना शुरू कर दिया है। हालांकि इससे पहले हजारों की संख्या में ई रिक्शा बिना रजिस्टर्ड सड़कों पर दौड़ रहे थे। कई बार तो यातायात नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में ई-रिक्शा चालक को पकड़ा गया, लेकिन पंजीकरण नंबर नहीं होने के कारण इनका चालान भी नहीं हो पाता था, लेकिन अब ई-रिक्शा चालकों पर आरटीए विभाग और पुलिस विभाग का शिकंजा भी कसा जाएगा।
नए ई-रिक्शा का पंजीकरण का काम शुरू
सरकार की नई नोटिफिकेशन के मुताबिक ई-रिक्शा को तीन साल के लिए टैक्स से मुक्त रखा गया है। लेकिन इनकी संख्या बढ़ने के कारण सरकार इनके पंजीकरण को लेकर गंभीर दिखने लगी है। ई-रिक्शा भले ही पर्यावरण के लिए लाभकारी हैं, लेकिन अभी तक इसके बारे में कोई ठोस नीति नहीं बनाई जा सकी है। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, अब नए ई-रिक्शा का पंजीकरण का काम शुरू हो चुका है।
पंजीकृत प्रमाण पत्र पर चढ़ाना होगा
इसके लिए सरकार ने कोई फीस निर्धारित नहीं की है, लेकिन इस पर लगने वाली हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए इसके मालिक को 193 रुपये का आन लाइन भुगतान करना होगा। यही नहीं सड़क पर दौड़ाने के लिए आरटीए को उसे सालाना ढाई हजार का भुगतान करना होगा। इसे साल के चार क्वार्टरों में बांटा गया है। अगर मालिक ने ई-रिक्शा किसी बैंक से कर्ज पर लिया है तो इसके लिए उसे डेढ़ हजार रुपये कर्ज फीस का भुगतान कर उसे अपने पंजीकृत प्रमाण पत्र (आरसी) पर चढ़ाना होगा।
8 हजार से ज्यादा ई-रिक्शा का पंजीकरण
आठ हजार ई-रिक्शा का पंजीकरण किया जा चूका है। आरटीए के अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों के भीतर विभाग आठ हजार से ज्यादा ई-रिक्शा का पंजीकरण कर चुका है। आने वाले दिनों में लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जा रहा है।
हादसा या चोरी मे पता लगाने में होगी आसानी
तलाशने में होगी आसानी पंजीकरण से पहले ई-रिक्शा की संख्या और उसके ठिकाने के बारे में अथारिटी को जानकारी नहीं होती थी। अब पंजीकरण के बाद अगर कोई ई-रिक्शा चोरी होती है या फिर हादसा कर चली जाती है तो पुलिस विभाग इनका पता लगाने में सक्षम होगा।
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