लोग अपने घरों के कोने-कोने में पड़े गंदे पानी को बाहर निकालें

अमृतसर,17अगस्त (राजन):अमृतसर के स्वास्थ्य विभाग ने इस साल डेंगू और चिकनगुनिया से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए हैं और ये प्रयास लगातार जारी हैं, लेकिन इन बीमारियों को पूरी तरह से रोकने के लिए लोगों का सहयोग बहुत जरूरी है। जब तक सभी लोग अपने घरों के कोनों में पड़े बेकार बर्तनों, खाली टायरों, कूलरों व अन्य उपकरणों से निकलने वाले गंदे पानी को बाहर नहीं निकालेंगे, तब तक इसे फैलने से नहीं रोका जा सकता। जिला महामारी विशेषज्ञ डाॅ. हरजोत कौर ने यह जानकारी दी और बताया कि सिविल सर्जन डाॅ. विजय कुमार के आदेशों के तहत समय-समय पर विभिन्न टीमों को घरों, स्कूलों, निजी संस्थानों और सरकारी संस्थानों में जांच के लिए भेजा जा रहा है और जहां भी डेंगू का लार्वा पाया जाता है, वहां काले तेल का छिड़काव और छिड़काव किया जाता है। डॉ. हरजोत कौर ने बताया कि जिले में अब तक डेंगू के 118 और चिकनगुनिया के 73 मामले सामने आ चुके हैं।इसके अलावा जिन घरों में पांच बार लार्वा मिला, उनके अब तक 736 चालान काटे जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीमें प्रतिदिन अलग-अलग स्थानों पर जाकर एंटी लार्वा गतिविधियां कर रही हैं। इसके अलावा हर शुक्रवार को ‘डेंगू ते वार’ अभियान के तहत राज्य कार्यक्रम अधिकारी के निर्देशन में विशिष्ट स्थानों पर जाकर लार्वा की जांच की जाती है। इसके साथ ही डेंगू और चिकनगुनिया से संबंधित ज्ञानवर्धक लिखित साहित्य भी वितरित किया जाता है ताकि लोग जागरूक हों। उन्होंने कहा कि जहां भी बुखार का कोई मामला आता है, हमारी टीमें आसपास के घरों का सर्वे कर लोगों को जागरूक करती हैं।उन्होंने कहा कि संदिग्ध मरीजों को सिविल अस्पताल या सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर में इलाज के लिए आना चाहिए, जहां डेंगू परीक्षण किट भी भारी मात्रा में उपलब्ध हैं। उन्होंने निजी अस्पतालों से भी आग्रह किया कि वे संदिग्ध मामलों के नमूने सरकारी अस्पतालों में भेजें ताकि मरीजों को वित्तीय नुकसान न हो।
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