सिख कैदियों के मामले को न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत आगे बढ़ाने का फैसला
देश में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए काम कर रहे लोगों को संघर्ष का हिस्सा बनाया जाएगा : हरजिंदर सिंह धामी
चंडीगढ़, 25 नवंबर: बंदी सिख कैदियों के मुद्दे पर यहां सेक्टर 27 स्थित श्री कलगीधर निवास में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) द्वारा बुलाई गई बुद्धिजीवियों और कानूनी विशेषज्ञों की एक विशेष बैठक के दौरान प्राप्त सुझावों के अनुसार, यह निर्णय लिया गया है। इस मुद्दे को एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम के तहत आगे बढ़ाएं। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि सिख कैदियों के मामले में समुदाय और मानवीय दर्द को रखने वाली हस्तियों की एक बैठक जल्द ही आयोजित की जाएगी, जिसमें भारत के सभी हिस्सों के साथ-साथ मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले लोग शामिल होंगे। विदेश से बुलाया जाएगा। इसमें सिर्फ सिख ही नहीं बल्कि किसी भी धर्म के लोग शामिल होंगे।
सिख कैदियों की रिहाई के प्रयासों के तहत एक सक्रिय अभियान भी चलाया जाएगा
हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि आज की बैठक में उपस्थित बुद्धिजीवियों और वरिष्ठ वकीलों ने गंभीरता से अपने विचार रखे हैं, जिसके अनुसार भविष्य में सिख कैदियों की रिहाई के लिए काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बैठक में बहुत मूल्यवान सुझाव प्राप्त हुए हैं, जिनका एसजीपीसी द्वारा परीक्षण किया जाएगा और अगली रणनीति के लिए एक दस्तावेज तैयार किया जाएगा।फिलहाल कुछ प्रारंभिक कार्यक्रम तैयार करने पर सहमति बनी है।एसजीपीसी अध्यक्ष ने कहा कि शुरुआती चरण में विद्वानों और वरिष्ठ वकीलों की राय पर विचार करते हुए एसजीपीसी समुदाय का दर्द रखने वालों और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठाने वालों से तत्काल प्रभाव से संपर्क स्थापित करेगी। सिख कैदियों की रिहाई के प्रयासों के तहत एक सक्रिय अभियान भी चलाया जाएगा, जिसमें दुनिया और सरकारों को बताया जाएगा कि जेल में बंद सिख पेशेवर अपराधी नहीं थे, बल्कि समुदाय के खिलाफ उत्पीड़न के बाद उनकी भावनाएं आहत होने के कारण उन्होंने कदम उठाया था। उन्होंने कहा कि सिख कैदियों के साथ हो रहे भेदभाव को हर मंच पर उठाया जाएगा। विभिन्न मीडिया के माध्यम से बहुभाषी वृत्तचित्रों का निर्माण और प्रकाशन किया जाएगा, ताकि पूरी दुनिया के लोग जान सकें कि भारत में सिखों के मानवाधिकारों का किस तरह उल्लंघन किया जा रहा है।उन्होंने यह भी बताया कि एसजीपीसी देशभर के उन मामलों का ड्राफ्ट तैयार करेगी जिनमें मौत या उम्रकैद की सजा पाए कैदियों को समय से पहले रिहा किया गया है।यह जानकारी जुटाकर सरकारों, माननीय अदालतों और मानवाधिकारों के लिए काम करने वाली संस्थाओं को बताया जाएगा कि कैसे सिखों के खिलाफ भेदभावपूर्ण नीति अपनाकर उन्हें तीन दशकों तक जेल में रखा गया है। इस कार्य में देशभर के वरिष्ठ वकीलों और मानवाधिकार प्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाएगा। इसके साथ ही देश-विदेश के लोगों को भारत सरकार को ई-मेल के जरिए सिख कैदियों की रिहाई के बारे में आवाज उठाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि इस गंभीर पंथिक मुद्दे पर बनाया गया कोई भी कार्यक्रम बिना किसी व्यक्तिगत या राजनीतिक हित के होगा और जो भी इस मुद्दे पर ईमानदारी से योगदान देने का प्रयास करेगा उसका सम्मान किया जाएगा।
जल्द ही जेल में भाई बलवंत सिंह राजोआना से भी चर्चा की जाएगी
एसजीपीसी अध्यक्ष ने यह भी कहा कि जल्द ही जेल में भाई बलवंत सिंह राजोआना से भी चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि हर सिख कैदी ने अपने लिए नहीं बल्कि समुदाय के लिए संघर्ष किया है और हम उनके साथ मजबूती से खड़े हैं।सभा के दौरान जहां बड़ी संख्या में हस्तियों ने अपने विचार व्यक्त किये, वहीं कुछ विद्वानों और कानून विशेषज्ञों ने लिखित रूप से अपने सुझाव भी भेजे।
इन हस्तियों ने लिया भाग
बुद्धिजीवियों और कानूनी विशेषज्ञों के इस जमावड़े में हरजिंदर सिंह धामी के अलावा एसजीपीसी के जूनियर उपाध्यक्ष गुरबख्श सिंह खालसा, महासचिव भाई राजिंदर सिंह मेहता, कार्यकारी सदस्य गुरप्रीत सिंह झब्बर, एडवोकेट भगवंत सिंह सियालका, बीबी परमजीत कौर लांडरां, सिख विद्वान शामिल थे। डॉ. बलकार सिंह, डॉ. केहर सिंह, वरिष्ठ पत्रकार जगतार सिंह, डॉ. परमवीर सिंह, डॉ. हरभजन सिंह देहरादून, गुरदर्शन सिंह बाहिया, डॉ. अमरजीत सिंह, तलविंदर सिंह बुट्टर, केंद्री सिंह सभा के अध्यक्ष शाम सिंह, गुरु गोबिंद सिंह स्टडी सर्कल के बलजीत सिंह , सुरिंदर सिंह किशनपुरा, वकील अर्शदीप सिंह धरनी, वरिष्ठ वकील परमजीत सिंह बराड़, वरिष्ठ वकील राजविंदर सिंह बैंस, वकील बलतेज सिंह ढिल्लों, वकील जसपाल सिंह मंझपुर, वकील हरीश रॉय, वकील अर्शदीप सिंह कलेर, वकील पुनीत कौर सेखों, पूर्व उप निदेशक वरिंदरजीत भंडारी, एसजीपीसी सचिव सुखमिंदर सिंह, सहायक सचिव लखबीर सिंह और हरभजन सिंह वक्ता, गुरुद्वारा श्री अंब साहिब के प्रबंधक अमरजीत सिंह, प्रभारी आजाददीप सिंह और अन्य उपस्थित थे।
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