अमृतसर,17 दिसंबर (राजन): नगर निगम ने स्ट्रीट लाइट ऑपरेशन एंड मेंटिनेस(ओपेक्स) के लिए एक कंपनी को ठेका दिया हुआ है। उस कंपनी द्वारा बीआरटीएस रूट और अन्य मुख्य मार्गों पर अपनी लाइट नहीं लगाई हुई है। कंपनी द्वारा कई महीने पहले नगर निगम को लिख कर दिया था कि बीआरटीएस रूट और अन्य मुख्य मार्गों पर उनकी कंपनी की लाइट ना लगने के कारण इन मार्गो पर स्ट्रीट लाइट ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस नहीं कर सकते। यहां पर नगर निगम अपने स्तर पर ही स्ट्रीट लाइट की ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस करवाएं। जिस पर नगर निगम ने इन रूटो पर स्ट्रीट लाइट की अपने स्तर पर ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस करवाई जा रही है। इसमें नगर निगम के कुछ बिल भी सेंशन हुए हैं। इसके बावजूद स्ट्रीट लाइट विभाग के अधिकारी की मिलीभगत से साल 2022 में बीआरटीएस रूट और अन्य मुख्य मार्गो 9 महीनो के अधिक के ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस के बिल इस कंपनी के बन गए। जिसमें कंपनी को लाखों रुपयो का भुगतान हो गया। कंपनी का यह भुगतान नगर निगम के स्ट्रीट लाइट विभाग द्वारा सितंबर 2023 तक चलता रहा। इस संबंध में जब स्ट्रीट लाइट विभाग के बड़े अधिकारी को पता चला,तब यह भुगतान होना बंद हो गया।जबकि कंपनी को बीआरटीएस रूट और अन्य मुख्य मार्गों का स्ट्रीट लाइट की ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस के लिए एक करोड़ से अधिक का भुगतान कर दिया गया।
कंपनी पर लगी हुई है ऑडिट रेकोजिशन
पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के उपरांत अमृतसर स्मार्ट सिटी द्वारा लगाए गए एलइडी स्ट्रीट लाइट प्रोजेक्ट की जांच के लिए स्पेशल अधिकारियों की एक टीम अमृतसर में भेजी थी। उस टीम द्वारा जांच करने के उपरांत इस प्रोजेक्ट में काफी गड़बड़ियां पाई गई थी। जिस पर टीम ने कंपनी के भुगतान करने पर ऑडिट रेकोजिशन लगा दी गई थी । जिस पर कंपनी से लगभग 2 करोड़ रूपया नगर निगम ने लेना है। जांच के उपरांत कंपनी पर ऑडिट रेकोजिशन रिमूव न होने के बावजूद नगर निगम द्वारा सितंबर 2023 तक कंपनी का कैपेक्स और ओपेक्स का लगातार भुगतान चलता रहा। स्ट्रीट लाइट विभाग में जब निगम के दो बड़े अधिकारियों की नियुक्ति हुई तो जांच में गड़बड़ी पाई गई। अब जाकर कंपनी का कैपेक्स का भुगतान तो बिल्कुल बंद कर दिया गया है। ओपेक्स का भुगतान आधा किया गया है। इस आधे भुगतान में भी बीआरटीएस रूट और अन्य मुख्य मार्गों का ऑपरेश एंड मेंटेनेंस का भुगतान बिल्कुल नहीं किया गया।
विजिलेंस पुलिस कर रही है जांच
एलइडी स्ट्रीट लाइट प्रोजेक्ट की पहले से ही पंजाब पुलिस की विजिलेंस जांच कर रही है। इस प्रोजेक्ट को लेकर पूर्व डिप्टी मेयर यूनुस कुमार द्वारा विजिलेंस पुलिस को शिकायत की गई थी। उस पर अभी भी जांच हो रही है। विजिलेंस पुलिस कंपनी द्वारा पहले से लगाए हुए प्रोजेक्ट संबंधी ही जांच कर रही है।अगर विजिलेंस पुलिस पहले से लगे प्रोजेक्ट के साथ-साथ कंपनी को ऑपरेशन और मेंटेनेंस के किए गए भुगतान की जांच करेगी तो नगर निगम के स्ट्रीट लाइट विभाग के अधिकारियों पर इसकी गाज गिर सकती है।
जॉइंट कमिश्नर ने कहा वह जांच करेंगे
इस संबंध में जब नगर निगम के ज्वाइंट कमिश्नर हरदीप सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि वह खुद इसकी जांच करेंगे। उन्होंने कहा कि जांच उपरांत जो भी अधिकारी इसमें संलिप्त पाया गया तो उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी।
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