अमृतसर,3 जनवरी:बंदी सिखों पर दिए गए गृह मंत्री अमित शाह के बयान का मुद्दा अब एक बार फिर चर्चा हैं। उन्होंने राजोआणा की मौत की सजा को कम करने संबंधी दया याचिका पर बयान दिया था, जिसके बाद राजोआणा ने अपनी सजा माफ करने की अपील ठुकरा दी थी।वहीं,आज इस बारे में जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अमित शाह को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बंदी सिंहों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का इतना आक्रामक बयान देना शोभा नहीं देता।
‘राजोआणा माफी क्यों मांगे’?
हरप्रीत सिंह ने समर्थन करते हुए कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि राजोआणा ने अपनी सजा माफ करने की अपील ठुकरा दी है। वह माफी क्यों मांगे, जब इन्होंने अपनी सजा से ज्यादा कष्ट सहा है। राजोआणा ने अमित शाह को पत्र लिख कर सही किया।उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसी भी सरकार ने सरकारी आतंकवादियों को सजा देने की कोशिश नहीं की। जब जत्थेदार काउंके की तस्वीर म्यूजियम में रखी गई और उस पर शहीद भाई गुरदेव सिंह काउंके लिखा गया तो उन्हें शहीद कौम का खिताब मिला। उन्होंने कहा कि पूर्व जत्थेदार भाई गुरदेव सिंह काऊंके की फाइल 25 साल से दबी हुई थी।
बंदी सिखों पर अमित शाह ने क्या कहा?
वहीं, उनसे सुखबीर सिंह बादल ने सिख समुदाय से माफी मांगने पर भी सवाल किया गया। हालांकि उन्होंने स्पष्ट जवाब नहीं दिया।बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह राजोआणा की मौत की सजा को कम करने संबंधी दया याचिका पर कहा कि जिस व्यक्ति को अपनी गलती का एहसास नहीं है, उसे कैसी माफी?
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