तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत वर्कशॉप का आयोजन

अमृतसर,9 फरवरी (राजन): सिविल सर्जन डाॅ चरणजीत सिंह के निर्देशानुसार सिवलअस्पताल में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय वर्कशाप का
आयोजित किया गया। सभा को संबोधित करते जिला नोडल अधिकारी डॉ शरणजीत कौर सिद्धू ने कहा कि तंबाकू जानलेवा और कोविड -19 मे तंबाकू का उपयोग और भी खतरनाक है। विश्व स्वास्थ्य संगठनरिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में 12% मौतें दिल की बीमारी के कारण होती हैं। जिसमे मुख्य
कारण (एक्टिव / पैसिव स्मोकिंग)है ।एक्टिव स्मोकिंग का मतलब है जो लोग वे स्वयं तंबाकू के दुष्प्रभाव से प्रभावित हैं
पैसिव स्मोकिंग का मतलब ऐसे लोगों से है जो सिगरेट नहीं बल्कि सिगरेट पीने वाले लोगों के संपर्क में रहें, जो अनजाने में बीमारियों से पीड़ित हैं।तम्बाकू के धुएँ में लगभग 40,000 विभिन्न रसायन होते हैं ऐसे लोग हैं जिन्हें विभिन्न प्रकार के कैंसर हैं।उन्होंने कहा प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान के 100 गज के भीतर तंबाकू उत्पादों की बिक्री / खपत पर कानूनी रूप से निषिद्ध और 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे धूम्रपान से राज्य में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत ई-सिगरेट की बिक्री भी प्रतिबंधित है
डॉ जॉली ने कहा आज की कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य कम उम्र में तंबाकू के उपयोग को कम करना और रोकथाम के बारे में जागरूक करना है । युवा पीढ़ी में 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में गुटका,खैनी , जर्दा और जैसे तम्बाकू खाने की ओर बहुत रुझान रहा है। डॉ मदन मोहन ने कहा कि खाद्य तंबाकू के सेवन से कैंसर, गले के कैंसर और फेफड़ों के कैंसर का खतरा सबसे अधिक है।इसलिए यह बहुत जरूरी है कि हम इनसे बचें। इस अवसर पर डिप्टी मास मीडिया अधिकारी अमरदीप सिंह, मैडम सुमन, सभी दंत चिकित्सक और कर्मचारी उपस्थित थे।


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