अमृतसर, 10 सितम्बर : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, नई दिल्ली के आदेशों के अनुसार, डिप्टी कमिश्नर घनशाम थोरी ने किसानों को धान के बाद बची पराली को न जलाने के लिए जागरूक करने के लिए जिला प्रशासनिक परिसर से हरे झंडे के साथ प्रचार वैन को रवाना किया। ये प्रचार वैन सबसे पहले जंडियाला गुरु, तरसिक्का, वेरका, मजीठा और अटारी के धान की कटाई से पहले वाले ब्लॉकों में चलाई जाएंगी और उसके बाद जिला अमृतसर के हर गांव में जाएंगी। उन्होंने कहा कि धान की पराली जलाना सख्त मना है, इसलिए उन्होंने किसानों से अपील की है कि पराली को आग न लगाएं, पराली को इकट्ठा करके खेत से बाहर ले जाएं या फिर पराली को खेत में ही जोतकर अगली फसल की बुआई करें।
धान के भूसे में बड़ी मात्रा में आवश्यक पोषक तत्व होते हैं
मुख्य कृषि अधिकारी डाॅ. तजिंदर सिंह ने किसानों से पुरजोर अपील की कि धान/बासमती की पराली को बिल्कुल भी आग न लगाई जाए। धान के भूसे में बड़ी मात्रा में आवश्यक पोषक तत्व होते हैं। पराली जलाने से जहां ये आवश्यक तत्व नष्ट हो जाते हैं, वहीं पर्यावरण भी प्रदूषित होता है।ये वैन कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा आत्मा योजना के तहत चलाई जा रही हैं। इस अवसर पर उपनिदेशक कृषि जोगराजबीर सिंह, कृषि अधिकारी सुखराजबीर सिंह गिल, रमन कुमार, कृषि विकास अधिकारी परजीत सिंह औलख, पीडी सुखचैन सिंह उपस्थित थे।
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