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गुरु नगरी अमृतसर की सफाई व्यवस्था को लेकर नजर आ रहा है घोटाला, कैसे-कैसे हुआ : यह सब जांच का विषय ?

डंप पर लगे कूड़े के पहाड़।

अमृतसर,6 अक्टूबर(राजन गुप्ता): गुरु नगरी अमृतसर की सफाई व्यवस्था को लेकर कुछ घोटाला नजर आ रहा है। इस सारे मामले में भ्रष्टाचार के साथ-साथ और भी बहुत बड़े-बड़े तथ्य सामने आ रहे हैं।नगर निगम अमृतसर ने साल 2016 में पंजाब में अकाली-भाजपा सरकार और नगर निगम में अकाली-भाजपा गठजोड़ के चलते भाजपा के मेयर के होते डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने, भगतावाला कूड़े के डंप पर लगे कूड़े के ढेरों की बायोरेमेडीएशन करने और इसी जगह पर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाने के लिए एक कंपनी को ठेका दिया गया था। इसके बाद साल 2018 में पंजाब में कांग्रेस की सरकार और नगर निगम में कांग्रेस का मेयर होते यही ठेका एक अन्य कंपनी को ट्रांसफर कर दिया गया। इसके बाद साल 2022 में पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आई और नगर निगम का जनवरी 2023 तक निगम का हाउस रहा। इसके बाद नगर निगम का हाउस बना ही नहीं। पिछले लंबे अरसे से शहर की डोर टू डोर और कूड़े के कलेक्शन प्वाइंट से कूड़ा उठाने का कार्य बुरी तरह से फेल हो रहा है। भगतावाला कूड़े के डंप में बायोरेमेडीएशन ना होने के कारण  वहां पर भी कूड़े के विशाल पहाड़ बन गए हैं। कूड़े के पहाड़ लगातार बढ़ रहे हैं।वेस्ट टू एनर्जी प्लांट तो लगा ही नहीं।

फैली हुई गंदगी।

“अमृतसर न्यूज अपडेट्स ” द्वारा अपने स्तर पर की गई जांच के तथ्य !

(1) 1 टन कूड़े में से 7 प्रतिशत प्लास्टिक वेस्ट निकलता है। प्रतिदिन  अगर 500 टन कूड़ा निकलता है। उसमें से 35 टन प्लास्टिक वेस्ट निकलता है। प्लास्टिक वेस्ट 20 हजार रुपए प्रति टन बिकता है। तो प्रतिदिन लगभग 7 लाख रुपया बनता है।इस हिसाब से महीने का लगभग 2 करोड़ रूपया से अधिक  बनता है। अगर इतनी बड़ी राशि बनती है तो यह राशि कहा जाती है ? इसकी जांच तो  शहर में प्लास्टिक वेस्ट खरीदने वाले चंद लोगों की जांच से ही पता चल जाएगा ? कौन इनको प्लास्टिक वेस्ट बेचता है और पैसे लेता है? आगे कहा-कहा पैसे बांटे जाते हैं। प्रतिदिन कितना प्लास्टिक वेस्ट निकलता है, किस हिसाब से बिकता है, इसमें अंतर हो सकता है।
(2) इसी तरह से कंपनी द्वारा डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने के एवज में रिहायशी व कमर्शियल अदारों से प्रति महीने कलेक्शन की जाती है। घरों से प्रति महीने 20 से 50 रुपए तक लिए जाते है।अमृतसर में इस वक्त 2 लाख से अधिक घर है। दुकानदारों से 50 से 250 रुपए तक फीस ली जाती है।इसी तरह से बड़े-बड़े होटल,रेस्टोरेंट,हॉस्पिटल, शॉपिंग मॉल, फैक्ट्री,स्कूल, कॉलेज,बड़े-बड़े कमर्शियल यूनिट से हजारों रुपया प्रति महीने फीस ली जाती है।यह फीस भी 2 करोड़ रुपयो  से ऊपर बनती है। यह कंपनी द्वारा एकत्रित की जाती है। रिहायशी और कमर्शियल अदारों से इतनी बड़ी फीस एकत्रित की जाती है, इसमें कंपनी को तो वास्तव में  बहुत ही थोड़ी राशि जाती है ? फिर यह राशि किस-किस की जेब में जाती है?अवरदा कंपनी ने कभी भी नगर निगम को इसका हिसाब नहीं दिया है। राशि में कुछ मामूली सा अंतर हो सकता है।
(3) भगतावाला कूड़े के डंप में प्रतिदिन लगभग 185  से अधिक रैक पिकर्स कूड़े में से बिकने वाला कबाड़ निकलते हैं। रैक पिकर्स से भी प्रतिदिन हजारों रुपयो की वसूली की जाती है। यह वसूली भी किसके द्वारा की जाती है ? यह राशि भी आगे किस-किस अधिकारी के पास जाती है। इसकी जांच होने पर नगर निगम के  अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।
(4) कंपनी द्वारा डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने के एवज में प्रति महीने 1.5 करोड़ से लेकर 2 करोड़ रुपयो तक बिल तैयार करके कंपनी नगर निगम से राशि लेती है।बिल की सारी प्रक्रिया तैयार करने, प्रतिदिन कूड़े का वजन की जांच करने, धर्मकांडे से कूड़े का वजन होने और राशि का चेक देने तक जो जो भी अधिकारी इसमें शामिल होता है,उनको कथित तौर पर भारी भरकम कमीशन भी मिलती है। यह काम पिछले लगभग 8 वर्षों से भी अधिक समय से चल रहा है। कंपनी नगर निगम से 150 करोड रुपए से अधिक राशि ले चुकी है और आगे भी ले रही है। इस राशि की कथित तौर पर जो कमीशन है,वह किस-किस राजनीतिज्ञ और अधिकारियों की जेब में गई है और जा रही है।यह तो बहुत ही बड़ी जांच का विषय है ?
(5) शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने के लिए प्राइवेट रेहड़े भी चलते हैं। इससे भी वसूली की जाती है। रेहड़े वालों से कौन वसूली करता है ? और यह रेहड़े किसके है ? यह राशि भी किस -किस की जेब में जाती है। यह भी एक जांच का विषय है ?
(6) नगर निगम ने अमृतसर स्मार्ट सिटी लिमिटेड से करोड़ो रुपयो  की मशीनरी खरीद कर कंपनी को दी है। जिसमें डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने के लिए 49 गाड़ियां, लगभग 35 लाख रुपयो के कूड़ा कलेक्ट करने वाले प्लास्टिक बिन, बिनो से कूड़ा कलेक्ट करने के लिए 4 कम्पेक्टर गाड़ियां, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्ट करने के लिए 56 ट्री रिक्शा,40 लोहे बिन जिसे शहर के अलग-अलग स्थान पर कूड़ा कलेक्ट करने के लिए रखा गया,लाखों रुपयो के अन्य और मशीनरी खरीद कर दी है। यह सब मशीनरी, गाड़ियां, ट्राई रिक्शा, लोहे के बड़े-बड़े बिन  और अन्य सामान कहा गया।यह तो अब कहीं भी नजर नहीं आ रही । यह सारा सामान किस-किस ने संभाल लिया है। अगर कुछ चोरी भी हुआ है तो उसकी पुलिस में कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं है। इसमें भी बहुत ही बड़े घपले का अनुमान है।इसमें भी खरीद के मामले में घपला निगम अधिकारियों ने किया है।सारा कुछ किसने गायब करवाया है। इसकी भी जांच होने पर कुछ अधिकारियों  पर गाज गिरेगी।
(7) कंपनी द्वारा गाड़ियों में डीजल डलवाने के लिए पेट्रोल पंप वालों से उधार किया जाता है। इसके अलावा कंपनी द्वारा लोगों से गाड़ियां हायर की जाती है।इसके साथ साथ  और भी सामान दुकानदारों से खरीदा जाता है।इस वक्त भी कंपनी ने इन सब की एवज में बाजार का लगभग 9 करोड रुपए से अधिक की देनदारी है। जो नहीं दी जा रही। अलबत्ता जब पेट्रोल पंप वालों को बकाया भुगतान नहीं किया जाता या गाड़ियां हायर करने वालों को बकाया किराया नहीं दिया जाता, तब पेट्रोल पंप वाले गाड़ियों को डीजल देना और गाड़ियां हायर पर देने वाले गाड़ियां देना बंद कर देते हैं। इसकी एवज में नगर निगम द्वारा कंपनी को कर्ज के रूप में एडवांस में पैसे देखकर पेट्रोल पंप और अन्यो का भुगतान किया जाता है। जब महीने बाद कंपनी का बिल बनता है, तब निगम अपना कर्ज का दिया हुआ रुपयो में से कुछ किस्त काट लेता है। इस वक्त भी कंपनी ने नगर निगम से लिए हुए कर्ज का लगभग 20 लाख रुपयो से अधिक का भुगतान करना है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आज तक कंपनी को दिए हुए कर्ज के रूप में राशि पर नगर निगम द्वारा कोई भी ब्याज नहीं लिया गया है। यह भी एक जांच का विषय है ?

डंप पर लगे कूड़े के पहाड़।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का डंडा पंजाब सरकार पर चलने पर सरकार आई हरकत में

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का डंडा पंजाब सरकार पर चलने पर सरकार हरकत में आई हैं । एनजीटी ने पंजाब सरकार को पिछले दिनों 2600 करोड रुपए से अधिक जुर्माना लगाया हैं।पंजाब सरकार ने लोकल बॉडी विभाग के चीफ सेक्रेटरी को पंजाब की सभी नगर निगम, नगर कौंसिल,नगर परिषद और नगर कमेटियों की वेरिफिकेशन के आदेश दिए।आपको यह बता दें कि नगर निगम अमृतसर को पहले से ही एनजीटीकरोड़ों रुपए जुर्माना लगा चुकी है, जिसमें भारी भरकम जुर्माना नगर निगम ने भर भी दिया है। आगे जो एनजीटी का नगर निगम अमृतसर पर डंडा चलने वाला है, उसके लिए पीएमआईडीसी ने एक कमेटी का भी गठन किया हैं। कमेटी के सदस्य तारीख पर तारीख डालकर जांच कर रहे हैं। किंतु अभी तक कोई नतीजा नहीं निकला है। कंपनी के पास गाड़ियों की भारी कमी के कारण शहर में डोर टू डोर और शहर के कलेक्शन प्वाइंटो से कूड़ा कलेक्शन प्रतिदिन लगातार नहीं हो पा रही है। निगम कमिश्नर अमृतसर और डिप्टी कमिश्नर अमृतसर नगर निगम अधिकारियों और कंपनी के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर चुके हैं। किंतु इस पर कोई भी नतीजा नहीं निकल रहा है। अमृतसर नगर निगम की ओर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की तलवार तेजी से बढ़ रही है। जिससे आने वाले दिनों में कोई धमाका हो सकता है। माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में दायर एक केस 606/2018 एनजीटी के संबंध में नगर निगम ने 10 नवंबर 2024 को जवाब देना है कि नगर निगम द्वारा कूड़े के डंप में इस वक्त बायोरेमिडेशन और वेस्ट टू एनर्जी प्लांट का क्या स्टेटस है ? इस वक्त जो हाल है,उससे तो पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में जो निर्णय आएगा,उससे तो नगर निगम अमृतसर पूरी तरह से हिल जाएगा।

एनजीटी से बचने के लिए नगर निगम को यह करना चाहिए

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से बचने के लिए नगर निगम को सबसे पहले भगतावाला कूड़े का डंप में जल्द से जल्द बायोरेमेडीएशन शुरू कर देनी चाहिए। इस वक्त डंप पर बायोरेमेडीज करने के लिए मशीने भी खड़ी है। किंतु यह खराब पड़ी हुई है। एक मशीन को ठीक करवाने के लिए लगभग 17 लाख रुपए खर्च आना हैं। निगम को  अपने स्तर पर  राशि खर्च करके जल्द से जल्द सभी मशीनों को ठीक करवा कर डंप पर बायोरेमेडीएशन शुरू कर देनी चाहिए। जो लगातार चले। शहर में नारायणगढ़ छेहरटा और झब्बाल रोड पर भी बने मिनी कूड़े के डंप को भी समाप्त करना होगा।इसके साथ-साथ शहर से कूड़ा उठाने के लिए नगर निगम को अपने स्तर पर कम से कम 100 गाड़ियां हायर करके सैगरीगेटेड कूड़ा उठाना चाहिए। कंपनी की भी जितनी गाड़ियां कूड़ा उठाती है, उनको भी एरिया बांट देना चाहिए। नगर निगम के पास जितनी अपनी भी गाड़ियां है, उससे भी लगातार कूड़े की लिफ्टिंग शिफ्टो में करवानी पड़ेगी।तभी जाकर शहर की स्थिति सुधर सकती है और नगर निगम अमृतसर पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में 10 नवंबर 2024 को जवाब दे सकता है।

कंपनी को पहले अपने आप को सुधारना चाहिए

ठेका लेने वाली अवरदा कंपनी को पहले अपने आप को सुधारना चाहिए । कंपनी का इंडिया में हेड है, वह बार-बार यही बात करता है। डोर टू डोर कूड़ा उठाने की टीपिंग फीस जितनी 8 वर्ष पूर्व थी, उतनी ही आज है। नगर निगम को कंपनी की टीपिंग फीस बढ़ानी चाहिए। वैसे तो नगर निगम नियम के अनुसार टीपिंग फीस नहीं बढ़ा सकता। क्योंकि टीपिंग फीस बढ़ाने के लिए कंपनी ने जो कार्य पूरे करने थे, जिसे कंपनी द्वारा नहीं किया गया। अगर नगर निगम इसकी टीपिंग फीस बढा भी  देता है, तो कंपनी को प्रति महीने लगभग 30 से 40 लाख रुपए और मिल जाएंगे। पर कंपनी के अमृतसर में कार्य कर रहे अधिकारी और कर्मचारी प्रति महीने रिहायशी और कमर्शियल अदारों से भारी भरकम राशि एकत्रित करते है। किंतु दुबई में कंपनी को प्रति महीने  बहुत ही कम राशि दिखाई जाती है। कंपनी के अधिकारियों द्वारा प्लास्टिक वेस्ट बेचकर भारी भरकम राशि एकत्रित की जाती है। यह राशि तो बिल्कुल ही नहीं दुबई में कंपनी को दिखाई जाती है। अगर यह दोनों राशियां दुबई में कंपनी को दिखाई जाए तो प्रति महीने बड़ी हुई टीपिंग  फीस 40 लाख रुपए से 7 गुना अधिक राशि एकत्रित हो सकती है। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की एवज में और प्लास्टिक वेस्ट बेचकर जो राशि एकत्रित होती है, इस राशि को कौन-कौन खाता हैं ? इसमें कंपनी के इंडिया हेड की जिम्मेदारी भी तय होनी चाहिए। क्योंकि कंपनी के इंडिया हेड अधिकारी पर भी सवालिया निशान तो उठते ही है।

शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर अमृतसर केंद्रीय विधानसभा क्षेत्र से विधायक डॉ अजय गुप्ता ने पिछले दो विधानसभा सेशनो में शहर की खराब सफाई व्यवस्था का मुद्दा उठाया। विधायक डॉ गुप्ता ने जिस कंपनी को सफाई करने का ठेका दिया हुआ है, उस कंपनी के बारे में विधानसभा में विस्तार पूर्वक बताया गया। मानसून विधानसभा सत्र के दौरान 2 सितंबर 2024 को दोबारा विधायक डॉ अजय गुप्ता ने सफाई व्यवस्था का फिर मुद्दा उठाया। इसके बावजूद भी इतने दिन बीत जाने के उपरांत अभी तक शहर की सफाई व्यवस्था ठीक नहीं हो पा रही है।

विधानसभा में विधायक डॉ अजय गुप्ता द्वारा उठाए गए मुद्दे की वीडियो

हर हालत में शहर की सफाई व्यवस्था को ठीक करवाएंगे : विधायक डॉ अजय गुप्ता

विधायक डॉ. अजय गुप्ता की फाइल फोटो।

विधायक डॉ अजय गुप्ता ने ” अमृतसर न्यूज अपडेट्स” के साथ बातचीत करते हुए कहा कि हर हालत में शहर की सफाई व्यवस्था को ठीक करवाएंगे। उन्होंने कहा कि 2 सितंबर को विधानसभा में जीरो ओवर के दौरान उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे का वह विधानसभा को प्रश्न पत्र दाखिल कर रहे हैं। विधायक डॉ गुप्ता ने कहा कि पिछली 12 सितंबर को नगर निगम कमिश्नर हरप्रीत सिंह का यहां से तबादला हो गया है। अब नए कमिश्नर गुलप्रीत सिंह औलख के आने पर इसको लेकर विस्तार पूर्वक मीटिंग करेंगे। उन्होंने कहा कि निगम कमिश्नर और डिप्टी कमिश्नर अमृतसर से इस संबंधी मीटिंग करने के उपरांत वह पंजाब सरकार के लोकल बॉडी विभाग के विशेष सचिव से भी बातचीत करेंगे। विधायक डॉ गुप्ता ने कहा कि गुरु नगरी अमृतसर की सफाई व्यवस्था को लेकर जो खेल खेला जा रहा है, उसकी विस्तार पूर्वक उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इसमें जो जो भी जिस जिस स्तर पर दोषी पाया गया, उसके विरुद्ध बनती कार्रवाई भी करवाई जाएगी।

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