अमृतसर, 20 नवंबर: बलवंत सिंह राजोआना को मिली पैरोल के बाद अचानक दो तख्तों के जत्थेदारों की तरफ से एक बैठक बुलाई गई है। ये बैठक किस एजेंडे को लेकर है, इस बारे में भी कुछ स्पष्ट नहीं किया गया। लेकिन, इस बैठक शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी और अकाली दल के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ को भी बुलाया गया। बैठक से निकले बलविंदर सिंह भूंदड़ ने एजेंडे के बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया। लेकिन, भूंदड़ ने साफ किया कि इस बैठक में सुखबीर बादल के इस्तीफे को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। वहीं ज्ञानी हरप्रीत सिंह भी बैठक में हुई बातचीत पर कहने से बचे। लेकिन बताया कि बंदी सिखों की रिहाई के
लिए सभी के प्रयास जारी रहेंगे। ये बैठक श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह के निवास पर बुलाई गई। जिसमें श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह पहुंचे। ये सभी आज लुधियाना के गांव राजोआना में बलवंत सिंह राजोआना के भाई के भोग से लौटे थे। इतना ही नहीं, इन्होंने बलवंत राजोआना से बातचीत भी की।इससे यही अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री पंजाब बेअंत सिंह की हत्या के दोषी और 29 साल से जेल में रह रहे बलवंत सिंह राजोआना को लेकर बातचीत
हुई है।
सभी ने इस पर बातचीत होने से किया इनकार
इस दौरान अकाली दल में पैदा हुए हालातों पर भी बातचीत होने की चर्चा थी। लेकिन सभी ने इस पर बातचीत होने से इनकार किया है। अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल की तरफ से बीते दिनों ही वर्किंग कमेटी को इस्तीफा भेजा गया था। इतना ही नहीं, उनकी तनखैया लगाए जाने की अपील भी अभी तक श्री अकाल तख्त साहिब पर पेंडिंग है।
सुखबीर बादल पर लगाए गए इलजामों के बाद से ही हालात बिगड़े
अकाली दल के बागी गुट की तरफ से सुखबीर बादल
पर लगाए गए इलजामों के बाद से ही हालात बिगड़े हुए
हैं। इतना ही नहीं, इन विवादों के बीच अकाली दल ने
उप-चुनावों में ना उतरने का भी फैसला किया था। आज अकाली दल के वाइस प्रधान अनिल जोशी की तरफ से भी अकाल दल की कार्यप्रणाली और सुखबीर बादल पर इल्जाम लगाते हुए इस्तीफा दिया गया है।
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