
अमृतसर, 11 मार्च: सड़क सुरक्षा के संबंध में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त ज्योति बाला ने सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए जिला की प्रत्येक तहसील में एक ट्रॉमा सेंटर स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि संबंधित एसडीएम और सिविल सर्जन मिलकर उस क्षेत्र के अस्पताल को ट्रॉमा सेंटर के रूप में विकसित करें जहां सड़क दुर्घटनाएं सबसे अधिक होती हैं।उन्होंने जिला के स्कूल प्रिंसिपलों को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि प्रत्येक स्कूल प्रिंसिपल सुरक्षा स्कूल वाहन नियमों का पालन करने के लिए बाध्य है तथा प्रत्येक स्कूल प्रिंसिपल का यह कर्तव्य है कि वे अपने स्कूल में आने वाले बच्चों के वाहनों की जांच करें कि वह वाहन बच्चों की सुरक्षा के लिए उपयुक्त है या नहीं। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को सभी स्कूल प्रधानाचार्यों को इस संबंध में निर्देश जारी करने के निर्देश दिए।

ओवरलोडिंग वाहनों पर पूर्णतया रोक लगाने के दिए निर्देश
अतिरिक्त उपायुक्त ज्योति वाला ने सड़कों पर दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सड़कों के आसपास उगी घास-फूस को साफ करने, सफेद पट्टी, रिफ्लेक्टर लगाने तथा प्रत्येक आवश्यक स्थान पर ट्रैफिक लाइटें चालू करने के निर्देश दिए। उन्होंने सचिव आरटीए खुशदिल सिंह को ओवरलोडिंग वाहनों पर पूर्णतया रोक लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यातायात नियमों की अनुपालना सुनिश्चित करना तथा यातायात में आने वाली बाधाओं को दूर करना, बहुमूल्य जीवन को बचाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए यदि किसी विभाग को कार्य करवाने के लिए धन की आवश्यकता होगी तो उपायुक्त कार्यालय धन की व्यवस्था करेगा। इस अवसर पर पंजाब सड़क सुरक्षा एवं अनुसंधान केंद्र मोहाली से मैडम उमेश शर्मा, ट्रैफिक स्टाफ इंचार्ज दलजीत सिंह, धर्मिंदर सिंह लेक्चरर और अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।
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