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योद्धाओं और शहीदों की धरती को नशे से बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा:राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया

अमृतसर, 6 अप्रैल :नशे के खिलाफ जंग के संकल्प के साथ पंजाब के सीमावर्ती जिलों में पैदल मार्च कर रहे पंजाब के राज्यपाल  गुलाब चंद कटारिया ने अमृतसर जिले में लगातार दूसरे दिन पैदल मार्च का नेतृत्व किया और पंजाब के लोगों से नशे के खिलाफ जिहाद छेड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पंजाब की धरती जो अपनी देशभक्ति, वीरों, शहीदों और योद्धाओं की बेमिसाल कुर्बानियों के लिए जानी जाती है, उसे नशे के कारण बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दुश्मन देश से मादक पदार्थों की तस्करी जारी है, लेकिन हमारी सेनाएं भी इसे पकड़ने के लिए दिन-रात काम कर रही हैं। इसके अलावा, गांवों में जिला प्रशासन द्वारा गठित ग्राम स्तरीय सुरक्षा समितियां भी इस तस्करी को रोकने के लिए काफी सजगता से काम कर रही हैं, जो सराहनीय है। 

सरकार पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए विशेष प्रयास कर रही

गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि वर्तमान में नशा केवल पंजाब की समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरे देश को अपनी गिरफ्त में ले रहा है।इसीलिए पंजाब सरकार पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब चूंकि सीमावर्ती राज्य है और यहां से आसानी से नशे की तस्करी होती है, इसलिए दुश्मन इसका फायदा उठाकर नशे की सप्लाई कर रहे हैं, जिसे रोकने के लिए पहले भी सीमा पर एंटी ड्रोन सिस्टम लगाए गए थे और अब इनका विस्तार किया जा रहा है। इसके अलावा पंजाब सरकार एंटी ड्रोन सिस्टम लगाने के लिए भी प्रयास कर रही है। फतेहगढ़ चूड़ियां रोड स्थित शहीद भगत सिंह ग्रुप ऑफ कॉलेज में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने बच्चों और शुभचिंतकों को अपने आसपास के वातावरण को नशा मुक्त बनाने में योगदान देने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि सिर्फ मेरे मार्च या सरकार के प्रयासों से नशे का खात्मा नहीं हो सकता; इसे मिटाने के लिए जनता का सहयोग बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने गांवों में खेल स्टेडियम बनाने का बीड़ा उठाया है तथा जिस भी पंचायत को खेल मैदान बनाने में किसी प्रकार की सहायता की आवश्यकता हो, वह डिप्टी कमिश्नर कार्यालय से संपर्क कर सकती है।

बच्चों को गुरुघरों व मंदिरों से जोड़ना भी नशा मुक्ति के लिए एक बेहतरीन पहल हो सकती है

राज्यपाल ने कहा कि इसके अलावा बच्चों को गुरुघरों व मंदिरों से जोड़ना भी नशा मुक्ति के लिए एक बेहतरीन पहल हो सकती है। उन्होंने अपने समय का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे समय में सभी बच्चे अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरुद्वारों, मंदिरों और मस्जिदों में जाते थे। जहां से उन्हें न केवल धार्मिक संतुष्टि मिलती थी, बल्कि सामाजिक बुराइयों से बचने की प्रेरणा भी मिलती थी, जो जीवनभर उनके काम आती थी, लेकिन अब बच्चे मोबाइल फोन तक ही सीमित रह गए हैं। माता-पिता भी उन्हें धार्मिक स्थलों से जोड़ने का प्रयास नहीं करते हैं और इसके अलावा माता-पिता अपने बच्चों को खेल के मैदानों में भेजने की हिम्मत नहीं करते हैं, जो करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि एक अच्छा खिलाड़ी न केवल अपने शरीर की देखभाल के प्रति सजग रहता है, बल्कि वह हार-जीत के प्रति सहनशीलता, भाईचारा और अनुशासन जैसे महान गुण भी सीखता है। कभी-कभी तो बच्चों की यह यात्रा अंतर्राष्ट्रीय खेल के मैदानों तक भी पहुंच जाती है, जिससे न केवल उस परिवार का बल्कि देश का भी नाम रोशन होता है। उन्होंने कहा, “आइये हम अपने बच्चों को गुरुद्वारों, मस्जिदों, मंदिरों और खेल के मैदानों से फिर से जोड़ें।”

भारी संख्या में बच्चों ने पैदल मार्च में भाग लिया

  इस अवसर पर भारी संख्या में बच्चों ने पैदल मार्च में भाग लिया। ऑक्सफोर्ड स्कूल से शुरू होकर यह यात्रा शहीद भगत सिंह ग्रुप ऑफ कॉलेज में समाप्त हुई। इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल के प्रमुख सचिव विवेक प्रताप सिंह, अंतरराष्ट्रीय एथलीट बहादुर सिंह, अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी बलजीत सिंह, रोइंग खिलाड़ी चंदनदीप सिंह, डीआईजी सतिंदर सिंह, डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी, जिला पुलिस प्रमुख मनिंदर सिंह, रेड क्रॉस के राज्य सचिव शिवदयाल सिंह ढिल्लों, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर अमित सरीन, एसडीएम रविंदर सिंह अरोड़ा, सहायक कमिश्नर गुर सिमरन कौर सहित बड़ी संख्या में अधिकारी उपस्थित थे।

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