
अमृतसर, 6 जून:श्री अकाल तख्त साहिब में 41वें घल्लूघारा शहीदी समारोह शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ। सुबह 8 बजे श्री अकाल तख्त साहिब पर अरदास हुई। इसके बाद लोगों ने हाथों में जरनैल सिंह भिंडरांवाला के पोस्टर लेकर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए । श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज ने विवाद से बचने के लिए अरदास के बीच ही कौम के नाम संदेश दिया। उन्होंने कौम के नाम संदेश में कहा कि सिख एक झंडे के तले अपनी मांगों की लड़ाई लड़ें। इसके साथ सिख बंदियों और बलवंत सिंह राजोआना की रिहाई की बात की। हालांकि ये संदेश अरदास के बाद दिया जाता है। इससे पहले शिरोमणि अकाली दल अमृतसर के प्रधान
सिमरनजीत सिंह मान के पहुंचते ही उनके समर्थकों ने
अकाल तख्त सचिवालय के बाहर खालिस्तान जिंदाबाद
के नारे लगाए। वहीं सरबत खालसा के कार्यकारी जत्थेदार ध्यान सिंह मंड को अकाल तख्त पर जाने से रोक दिया गया। इसका उन्होंने विरोध किया। कार्यक्रम में काफी संख्या में लोग जुटे।

पंथ द्वारा शहीदी समारोह बड़ी शांति, सद्भाव और एकता के साथ सम्पन्न हुआ

दमदमी टकसाल के प्रमुख एवं संत समाज के अध्यक्ष संत ज्ञानी हरनाम सिंह खालसा ने संतोष व्यक्त करते हुए टकराव टलने का श्रेय समूचे सिख समुदाय को दिया और कहा कि श्री दरबार साहिब और श्री अकाल तख्त साहिब का बहुत सम्मान किया जाना चाहिए।उन्होंने कहा कि जब से हम 84 जून के शहीदों को याद करने के लिए आ रहे हैं, यह पहली बार है कि पंथ द्वारा शहीदी समारोह बड़ी शांति, सद्भाव और एकता के साथ सम्पन्न हुआ है। जिसके लिए वह श्री गुरु श्री गुरु रामदास जी, श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी और सभी शहीदों का धन्यवाद करते हैं। उन्होंने कहा कि यहां शहीदों की शक्ति का उपयोग होता है। साथ ही उन्होंने एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी की भूमिका की सराहना की, जिन्होंने बड़ी समझदारी, सहनशीलता, समर्पण और दूरदर्शिता के साथ संघर्ष को रोकने में अपनी भूमिका निभाई है।
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