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पीडब्ल्यूडी के सड़के बनवाने के लिए 71.91 करोड़ के टेंडर को लेकर हाई कोर्ट में अब  सुनवाई 28 जुलाई को:टेक्निकल डिसक्वालीफाई करने पर पार्टिया हाई कोर्ट पहुंची थी

अमृतसर, 22 जुलाई (राजन):पीडब्ल्यूडी बीएंडआर  द्वारा अमृतसर जिले में अजनाला विधानसभा क्षेत्र के घोनेवाल रमदास रोड से गुलगढ़ तक रावी नदी के साथ धुसी बांध मार्ग पर नई सड़को के निर्माण के तहत 71.91 करोड़ रुपये की लागत से सड़के बनाने का टेंडर जारी किया था। विभाग द्वारा 24 मार्च 2025 को इस टेंडर की टेक्निकल बिड खोली गई। टेक्निकल बिड में पाया गया कि 8 बड़ी पार्टियों ने टेंडर भरा है।पीडब्ल्यूडी बीएंडआर की टेक्निकल कमेटी ने 35 दोनों की जांच पड़ताल के उपरांत 6 बड़ी पार्टियों को टेक्निकल डिसक्वालीफाई कर दिया गया।टेक्निकल डिसक्वालीफाई करने पर पार्टियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। माननीय हाई कोर्ट की डबल बेंच के न्यायाधीश लिसा गिल, न्यायाधीश सुदीप्ति शर्मा सुनवाई के दौरान उस वक्त आदेश जारी किए गए कि विभाग द्वारा जिन दो पार्टियों को क्वालीफाई किया गया है, उन दो पार्टियों द्वारा टेंडर में दी 19 शर्तों को पूरा करने के एफिडेविट हाई कोर्ट में दर्ज करवाया जाए। उस वक्त जारी आदेशों में कहा गया कि विभाग टेंडर की फाइनेंसियल बिड खोल सकता है। फाइनेंसियल बिड खोलने के उपरांत आगे कोई भी कार्रवाई नहीं कर सकता, जिसे स्टे किया जाता है।माननीय हाई कोर्ट की डबल मैच द्वारा आज 22 जुलाई को इस मामले को लेकर सुनवाई हुई। जिस पर पूरी तरह से सुनवाई न होने पर माननीय हाई कोर्ट डबल बेंच  द्वारा इस याचिका पर अगली सुनवाई 28 जुलाई को रखी गई है।

इन 6 पार्टियों को डिस क्वालीफाई किया गया

विभाग द्वारा इन 6 पार्टियों को डिसक्वालीफाई किया गया है। इनमें जागसन कंस्ट्रक्शन लिमिटेड, जीत कंस्ट्रक्शन, गणेश कार्तिकेय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड,एन एच कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, सतीश अग्रवाल एंड कंपनी और शर्मा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड शामिल है। डिसक्वालीफाई की गई सभी पार्टियों पहले भी बड़े-बड़े काम कर चुकी है और कर भी रही है। इन पार्टियों का कहना है कि आधारहीन आधार पर डिसक्वालीफाई किया गया है। उनका कहना है कि यह टेंडर पहली बार बुलाई गई थी, इसलिए इसमें कम से कम दो एजेंसियों का होना आवश्यक था, यही कारण है कि इन दोनों एजेंसियों को लाभ के प्रति उत्तरदायी बनाया गया है। इन पार्टियों का कहना है कि इस टेंडर में  27 प्रतिशत प्रिमिक्स का और 73 प्रतिशत अन्य काम है। प्रिमिक्स प्लांट की ही मशीनरी को लेकर चेहतों को लाभ पहुंचाने के लिए उनको डिसक्वालीफाई किया गया है। उनका कहना है कि उनके प्रीमिक्स प्लांट पूरी तरह से अप्रूव्ड है।

सरकार को होना था करोड़ों का लाभ

डिस क्वालीफाई की गई पार्टियों का कहना है कि इस भारी कंपटीशन होने के कारण 20 से 25 प्रतिशत से अधिक सेविंग डाली हुई है। जिससे पंजाब सरकार को लगभग 15 करोड़  रुपए का लाभ होना था। जिन दो पार्टियों को क्वालीफाई किया गया है,वह जांच का विषय है। अब फाइनेंशियल बिड खुलने पर पता चलेगा कि टेक्निकल जिन दो पार्टियों को अप्रूव किया गया है, उनकी कितनी सेविंग निकलती है।

अभी तक फाइनेंशियल बिड भी नहीं खोली गई

माननीय हाई कोर्ट के आदेशों के बावजूद भी विभाग द्वारा इस टेंडर की फाइनेंसियल बिड भी नहीं खोली गई है। जिन दो पार्टियों को वेरीफाई किया गया है, उन दोनों पार्टियों की टेंडर में दी गई 19 कंडिशनों के बारे में भी माननीय हाई कोर्ट की डबल बेंच को नहीं बताया गया है। इन कंडीशनो में फ्री मिक्स प्लांट, प्रोजेक्ट में उपयोग करने वाली सारी मशीनरी और अन्य कुछ शर्ते है। जिसमें उपयोग की जाने वाली मशीनरी के मालिक होना ना की मशीनरी किराया या लीज पर लेना है। अब माननीय हाई कोर्ट की डबल बेंच द्वारा  28 जुलाई को सुनवाई होने के उपरांत ही निर्णय आने पर पता चलेगा।

चीफ इंजीनियर के नेतृत्व वाली कमेटी ने लिया फैसला

पीडब्लयूडी बीएंडआर के एसई इंदरजीत सिंह ने कहा कि चीफ इंजीनियर के नेतृत्व वाली कमेटी ने फैसला लिया था। उन्होंने कहा कि इस कमेटी में दो चीफ इंजीनियर, दो एसई, दो एक्सियन और एक डीसीएफए सदस्य है। उन्होंने कहा कि डिसक्वालीफाई हुई पार्टियों के प्लांट को लेकर और शर्तों पर किसी न किसी तरह की कोई कमी थी। उन्होंने कहा कि माननीय हाई कोर्ट में पक्ष रखा जा चुका है। अगली सुनवाई में भी विभाग द्वारा पूरा-पूरा पक्ष रखा जाएगा।

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