
अमृतसर, 24 जुलाई (राजन): नगर निगम एडिशनल कमिश्नर सुरिंदर सिंह द्वारा निगम लाइसेंस विभाग की लगातार गिर रही आय और कार्यप्रणाली में सुधार हेतु स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक की गई। लाइसेंस ब्रांच का वर्ष 2025-26 का बजट लक्ष्य 3.75 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है, जबकि वर्तमान में केवल 12 हजार से 13 हजार व्यापार लाइसेंस ही रिकॉर्ड में दर्ज हैं, जब कि शहर में 70 हजार से 80 हजार तक कमर्शियल संस्थान मौजूद हैं। जिस कारण लाइसेंस विभाग की आमदनी बढ़ने की बजाए लगातार गिर रही है। जिसका निगम एडिशनल कमिश्नर ने कड़ा संज्ञान लिया है।
विभागीय अधिकारियों की कमी
एडिशनल कमिश्नर ने कहा कि नगर निगम के लाइसेंस ब्रांच के पास विभागीय अधिकारियों की बहुत ही कमी है। जिससे क्षेत्र में जाकर लोगों को व्यापार लाइसेंस बनवाने के लिए जागरूक नहीं किया जा पा रहा है और इससे राजस्व हानि हो रही है। इसलिए विभाग की आय और लाइसेंस की संख्या बढ़ाने के लिए विभाग का दायरा बढ़ाना आवश्यक है। यह तभी संभव है जब स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत अधिकारियों को कुछ अधिकार दिए जाएं ताकि वे सर्वे करके लोगों को व्यापार लाइसेंस बनवाने के लिए प्रेरित कर सकें।
एक्ट के अनुसार स्वास्थ्य अधिकारी देंगे लाइसेंस बनाने की स्वीकृति
निगम एडिशनल कमिश्नर सुरिंदर सिंह ने बताया कि व्यापार लाइसेंस विभाग को और अधिक सुचारू, प्रभावशाली और जनहितैषी बनाने हेतु नगर निगम कमिश्नर द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी डॉ. किरण कुमार, स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. योगेश अरोड़ा और सहायक मेडिकल अधिकारी डॉ. रमा को उनके अपने क्षेत्र में लाइसेंस स्वीकृति हेतु पी. एम. सी. एक्ट 1976 की धारा 276 से 312, 323 से 326, 331 से 336, 341, 342 और 343 से 350 के अंतर्गत अधिकार सौंपे गए हैं।सुपरिंटेंडेंट शलवलीन शर्मा पूर्व की भांति अपने कार्य पर बने रहेंगे। वह वेरीफिकेशन लाइसेंस प्रस्ताव संबंधित क्षेत्र के स्वास्थ्य अधिकारियों को भेजेंगे, जो अपने क्षेत्र में तैनात सैनेटरी इंस्पेक्टर्स के माध्यम से धारा 323 और 343 से.350 के तहत कार्रवाई करवाएंगे।
सेनेटरी इंस्पेक्टर और सेनेटरी सुपरवाइजर करेंगे लाइसेंस ब्रांच की रिकवरी
एडिशनल कमिश्नर सुरिंदर सिंह ने यह भी बताया कि निगम कमिश्नर द्वारा यह भी आदेश दिए गए हैं कि लाइसेंस विभाग की रिकवरी को प्राथमिकता दी जाए। निगम क्षेत्र में तैनात सभी सैनेटरी इंस्पेक्टर्स के साथ संबंधित सैनेटरी सुपरवाइज़रों की ड्यूटी भी लगाई गई है, जो फील्ड में लाइसेंस ब्रांच की रिकवरी कर निगम की आमदनी बढ़ाएंगे । इस कार्य हेतु सुपरवाइज़रों को पी.ओ.एस मशीनें सैनेटरी इंस्पेक्टर्स की निगरानी में दी जाएंगी। साथ ही कमिश्नर ने अपने आदेशों द्वारा व्यापार लाइसेंस विभाग में पहले से कार्यरत कर्मचारियों का अन्य विभागों में स्थानांतरण कर दिया है।
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