
अमृतसर, 27 जुलाई(राजन):राजस्थान हाई कोर्ट सिविल जज भर्ती परीक्षा के दौरान आज एक गुरसिख लड़की से उसकी सिख ककार, कृपाण और कड़ा उतारने और उसे परीक्षा में न बैठने देने के फैसले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि यह देश के संविधान का घोर उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्र के उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए जिन्होंने गुरसिख लड़की को कृपाण सहित परीक्षा देने से रोका, जिनकी मनमानी के कारण एक लड़की परीक्षा से वंचित रह गई। एडवोकेट धामी ने बताया कि पिछले साल भी राजस्थान में कुछ छात्रों के साथ ऐसी ही घटना घटी थी, जिस पर शिरोमणि कमेटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने वहां के प्रशासन से बात की थी और इस बात का ध्यान रखने को कहा था कि ऐसा दोबारा न हो।
भारत के संविधान के अनुसार सिखों को कृपाण धारण करने का पूरा अधिकार है
एडवोकेट धामी ने कहा कि भारत के संविधान के अनुसार सिखों को कृपाण धारण करने का पूरा अधिकार है और सिख रहित मर्यादा के अनुसार कोई भी अमृतधारी सिख अपने शरीर से पांच ककारों को अलग नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से देश में सिख अभ्यर्थियों को खास तौर पर निशाना बनाया जा रहा है और अक्सर ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं, जिनमें अमृतधारी सिखों से धार्मिक प्रतीक ककार हटाने को कहा जाता है और विरोध करने पर उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने नहीं दिया जाता। शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष ने इस घटना को अपने ही देश भारत में सिखों के साथ एक बड़ा भेदभाव करार दिया और कहा कि सिख अभ्यर्थियों के साथ इस भेदभाव को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की
एडवोकेट धामी ने राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने और सिख लड़की को पेपर देने से रोकने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने मुख्यमंत्री से यह भी मांग की कि अधिकारियों की गलत हरकतों के कारण पेपर से बाहर हुए सिख उम्मीदवार को न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार विशेष व्यवस्था करे। एडवोकेट धामी ने यह भी कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में सिख उम्मीदवारों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई सिख उम्मीदवारों का अपमान है। उन्होंने केंद्र सरकार से भी मांग की कि ऐसी घटना को रोकने के लिए कानून बनाया जाए, जिसके तहत दोषियों को कड़ी सजा मिले, ताकि कोई भी अधिकारी ऐसा काम न करे।शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि शिरोमणि कमेटी द्वारा जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल राजस्थान भेजा जाएगा, जो राजस्थान सरकार से इस मामले पर चर्चा करेगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कहेगा।
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