
अमृतसर, 31 जुलाई (राजन):पीडब्ल्यूडी बीएंडआर द्वारा अमृतसर जिले में अजनाला विधानसभा क्षेत्र के घोनेवाल रमदास रोड से गुलगढ़ तक रावी नदी के साथ धुसी बांध मार्ग पर नई सड़को के निर्माण के तहत 71.91 करोड़ रुपये की लागत से सड़के बनाने का टेंडर जारी किया था। विभाग द्वारा 24 मार्च 2025 को इस टेंडर की टेक्निकल बिड खोली गई। टेक्निकल बिड में पाया गया कि 8 बड़ी पार्टियों ने टेंडर भरा है।पीडब्ल्यूडी बीएंडआर की टेक्निकल कमेटी ने जांच पड़ताल के उपरांत 6 बड़ी पार्टियों को टेक्निकल डिसक्वालीफाई कर दिया गया।टेक्निकल डिसक्वालीफाई करने पर 3 पार्टियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। माननीय हाई कोर्ट की डबल बेंच के न्यायाधीश लिसा गिल, न्यायाधीश मीनाक्षी आई मेहता ने सुनवाई के दौरान उस वक्त आदेश जारी किए गए कि विभाग द्वारा जिन दो पार्टियों को क्वालीफाई किया गया है, उन दो पार्टियों द्वारा टेंडर में दी 19 शर्तों को पूरा करने के एफिडेविट हाई कोर्ट में दर्ज करवाया जाए। उस वक्त जारी आदेशों में कहा गया कि विभाग टेंडर पर अगले आदेशों तक कोई भी कार्रवाई नहीं कर सकता, जिसे स्टे किया जाता है।माननीय हाई कोर्ट की डबल मैच द्वारा 28 जुलाई को इस मामले को लेकर सुनवाई हुई। जिस पर पूरी तरह से सुनवाई न होने पर माननीय हाई कोर्ट डबल बेंच द्वारा इस याचिका पर अगली सुनवाई 11 अगस्त की तारीख रखी गई है। माननीय हाई कोर्ट की डबल बेंच द्वारा अगली सुनवाई तक इस टेंडर पर interim order जारी रखे गए हैं। डबल बेंच के न्यायाधीशों द्वारा दायर की गई तीन पार्टियों द्वारा रिट पिटिशन न.118-3 cases
CWP Nos. 12734, 12735 and 12742 of 2025 (O&M) पर संयुक्त रूप से सुनवाई 11 अगस्त को होगी। हाई कोर्ट की डबल बेंच में जागसन कंस्ट्रक्शन लिमिटेड, गणेश कार्तिकेय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और शर्मा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा याचिका दायर की गई है।
इन 6 पार्टियों को डिस क्वालीफाई किया गया
विभाग द्वारा इन 6 पार्टियों को डिसक्वालीफाई किया गया है। इनमें जागसन कंस्ट्रक्शन लिमिटेड, जीत कंस्ट्रक्शन, गणेश कार्तिकेय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड,एन एच कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, सतीश अग्रवाल एंड कंपनी और शर्मा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड शामिल है। डिसक्वालीफाई की गई सभी पार्टियों पहले भी बड़े-बड़े काम कर चुकी है और कर भी रही है। इन पार्टियों का कहना है कि आधारहीन आधार पर डिसक्वालीफाई किया गया है। उनका कहना है कि यह टेंडर पहली बार बुलाई गई थी, इसलिए इसमें कम से कम दो एजेंसियों का होना आवश्यक था, यही कारण है कि इन दोनों एजेंसियों को लाभ के प्रति उत्तरदायी बनाया गया है। इन पार्टियों का कहना है कि इस टेंडर में 27 प्रतिशत प्रिमिक्स का और 73 प्रतिशत अन्य काम है। प्रिमिक्स प्लांट की ही मशीनरी को लेकर चेहतों को लाभ पहुंचाने के लिए उनको डिसक्वालीफाई किया गया है। उनका कहना है कि उनके प्रीमिक्स प्लांट पूरी तरह से अप्रूव्ड है।
सरकार को होना था करोड़ों का लाभ
डिस क्वालीफाई की गई पार्टियों का कहना है कि इस भारी कंपटीशन होने के कारण 20 से 25 प्रतिशत से अधिक सेविंग डाली हुई है। जिससे पंजाब सरकार को लगभग 15 करोड़ रुपए का लाभ होना था। जिन दो पार्टियों को क्वालीफाई किया गया है,वह जांच का विषय है। अब फाइनेंशियल बिड खुलने पर पता चलेगा कि टेक्निकल जिन दो पार्टियों को अप्रूव किया गया है, उनकी कितनी सेविंग निकलती है।
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