
अमृतसर, 21 मई (राजन):रोड रेज केस में जेल गए नवजोत सिद्धू का आचरण ठीक रहने पर 8 महीने की ही कैद काटनी होगी। इसके बाद वह जेल से बाहर आ सकते हैं। जेल अधिकारियों और सरकार के पास यह अधिकार है। जिसमें वह कैदी को जेल के अंदर अच्छे आचरण और अनुशासन के आधार पर सजा से कुछ दिनों की छूट दे सकते हैं।सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को रोड रेज मामले में एक साल बामशक्कत कैद की सजा सुनाई है। उन्होंने कल पटियाला कोर्ट में सरेंडर किया। जिसके बाद उन्हें पटियाला सेंट्रल जेल में भेज दिया गया।
पंजाब जेल एक्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को बामशक्कत कैद की सजा सुनाई है। वह जेल फैक्ट्री में काम करते हैं तो एक साल की सजा में उन्हें 48 दिन की छूट मिलेगी। जेल में काम के दौरान ट्रेनिंग लेने के कारण पहले 3 महीने कोई वेतन नहीं मिलता, लेकिन एक महीने में 4 दिन की छूट मिलती है। जेल सुपरिटेंडेंट के पास किसी भी कैदी को सजा में 30 दिन की छूट देने का अधिकार होता है। जेल अनुशासन का उल्लंघन करने वालों को छोड़ यह छूट लगभग हर कैदी को मिल जाती हैं।जेल के वरिष्ठ अधिकारियों के पास भी सजा में 60 दिन की छूट का अधिकार है। हालांकि, यह कुछ विशेष मामलों में ही दी जाती है। खास तौर पर जहां सियासी सहमति हो। सिद्धू के मुख्यमंत्री भगवंत मान से अच्छे रिश्ते हैं। इसके अलावा सरकार अक्सर कैदियों को खास मौके पर राहत देती है। अगर ऐसा हुआ तो सिद्धू को सजा में छूट का एक और मौका मिल सकता है।