आयोग के सदस्य डा. सुभाष थोबा ने अस्पताल में उपचाराधीन बच्चे व उसके परिजनों से बात की

अमृतसर,13 मई (राजन):सरकारी हाई स्कूल काहलवां के अध्यापक द्वारा छात्र की पिटाई के मामले का पंजाब अल्पसंख्यक आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग के सदस्य डा. सुभाष थाबा ने पीड़ित बच्चे व उनके परिजनों से बातचीत की। इस दौरान अभिभावकों ने बताया कि अध्यापक ने पीठ पर पैरों से पीटा और मुक्के बारे। इतनी बुरी तरह से पीटा गया कि उसके पेशाब और शौच में खून आने लगा। युसूफ मसीह ने बताया कि उसका बेटा अंकुशदीप सरकारी हाइस्कूल काहलवां में पांचवीं कक्षा का छात्र है। 30 अप्रैल को स्कूल परिसर में लगा एक फलदार पेड़ के पास खड़ा था। इसी दौरान अध्यापक बलविंदर सिंह ने उसे देखा और कहा कि पेड़ से फल क्यों तोड़ रहे हो। इस बात पर अध्यापक ने अंकुश को बुरी तरह से पीटा। पीटने के बाद यह भी कहा कि यदि पेड़ के पास दिखा तो करंट लगा दूंगा। बच्चा बेहोश होकर नीचे गिर गया। स्कूल के अन्य अध्यापकों ने उसे फौरन गुरदासपुर के निजी अस्पताल में दाखिल करवाया। अस्पताल में बच्ची की तबियत लगातार बिगड़ती रही। उसके पेशाब व शौच से खून आने लगा। इसके बाद बच्चे को अमृतसर के एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया।
परिवार ने मामले की शिकायत पंजाब अल्पसंख्यक आयोग से की थी। आयोग ने जांच के आदेश दिए और आयोग के सदस्य डा. सुभाष थोबा को जांच के लिए भेजा। डा. सुभाष ने ग्रोवर अस्पताल में जाकर बच्चे से बातचीत की और सारे घटनाक्रम की जानकारी ली। इस संबंध में डाक्टर से बात की। डाक्टर ने कहा कि बच्चे को पीटने की वजह से उसकी ऐसी स्थिति हुई है। इस संबंध में गांव के सरपंच सुलक्खन के साथ भी डा. थोबा ने संपर्क किया। उन्होंने कहा कि अध्यापक बलविंदर सिंह ने माना था कि उससे गलती हुई है। बच्चे के उपचार में जो खर्च आएगा, वह देगा। सरपंच के अनुसार अब अध्यापक इलाज का खर्च देने से इंकार कर रहा है। डा. सुभाष ने सारी रिपोर्ट तैयार की है। उन्होंने कहा कि इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। परिवार को इंसाफ दिलाया जाएगा। इस अवसर पर मेंबर एडवाइजरी कमेटी ईसादास टोनी प्रधान, पूर्ण सफरी भी उपस्थित थे।
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