अमृतसर,16 अक्टूबर :गुरु नानक देव अस्पताल में पिछले सप्ताह शुक्रवार को चार वर्षीय बच्चे की मौत होने से मामले में रेजिडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन की हड़ताल चल रही है, क्योंकि डाक्टरों का कहना है कि बच्चे की मौत के बाद उसके स्वजनों ने जेआर डा. धानूष सुंदरम के साथ झगड़ा हुआ था, जिसमें डाक्टर को इंसाफ नहीं मिल रहा है। उसी की वजह से आरडीए को आज लगातार चौथे दिन भी इंसाफ दिलाने के मकसद से हड़ताल जारी रखनी पड़ी है।वी वांट जस्टिस, स्टॉप वायलेंस, वी क्योर वी केयर के साथ-साथ सेव और लाइवस सो देट वी कैन सेव यू के स्लोगन लेकर जूनियर डॉक्टर जीएनडीएच परिसर में आवाज बुलंद कर रहे हैं।
मजबूरन करनी पड़ी हड़ताल
पहले दिन से ही उनकी कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है, जिसके चलते अपनी जायज मांग को पूरा करवाने के मकसद से उन्हें मजबूरन हड़ताल करनी पड़ी है। घटना के तुरंत बाद ही पहले दिन से डाक्टर आरोपियों पर कार्रवाई को लेकर अड़े हुए हैं, जोकि न होने पर दूसरे दिन से डाक्टरों ने आउटडोर पेशेंट (ओपीडी) को बंद करवाया था, जिसमें जूनियर डाक्टरों की हड़ताल होने की वजह से सीनियर डाक्टरों ने ओपीडी को प्रभावित नहीं होने दिया था।
सीनियर डॉक्टर ने किया मरीजों का चेकअप
भले ही ओपीडी स्लिप काउंटरों पर आने वाले नए मरीजों की ओपीडी स्लिप नहीं बन पाई थी, मगर पुरानी ओपीडी स्लिप को देखकर सीनियर डॉक्टर ने मरीजों का चेकअप किया था। उसके बाद सोमवार से आरडीए ने इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर अस्पताल में चलने वाले सभी ही आपरेशन थिएटर (ओटी) में भी सहयोग न करने फैसला लिया था, जिसके चलते आज कोई भी ओटी या ओपीडी नहीं चल रही है।
मरीजों को दिक्कत का करना पड़ा सामना
आरडीए की हड़ताल में जीएनडीएच सहित ईएनटी एंड आई के साथ ही साथ डेंटल व चेस्ट एंड टीबी के साथ ही साथ मेंटल अस्पताल में तैनात डॉक्टर भी आज हड़ताल में आकर बैठ गए हैं, जिसकी वजह से मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि इमरजेंसी सेवाएं जारी रहने की वजह से किसी भी ऐसे मरीज को दिक्त दरपेश नहीं आ रही है, जिससे किसी मरीज की जान को कोई खतरा हो।
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