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राज्यपाल के खिलाफ फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची पंजाब सरकार, सुनवाई कल संभव

एस वाई एल मुद्दे पर बुलाए विधानसभा के स्पेशल सेशन को राज्यपाल बता चुके अवैध

अमृतसर,29 अक्टूबर : मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी  की पंजाब सरकार राज्यपाल बीएल पुरोहित के खिलाफ एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट  पहुंच गई है। सरकार ने राज्यपाल के उस लैटर को चुनौती दी है जिसमें उन्होंने हाल ही में बुलाए गए पंजाब विधानसभा के स्पेशल सेशन को अवैध और असंवैधानिक बताया था। सतलुज-यमुना लिंक  मुद्दे पर पिछले दिनों पंजाब के खिलाफ आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने यह स्पेशल सेशन बुलाया था। सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार की पिटीशन पर सोमवार को सुनवाई हो सकती है।

साल भर के अंदर यह दूसरा मौका

साल भर के अंदर यह दूसरा मौका है जब पंजाब सरकार  राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। इससे पहले राज्यपाल की ओर से बजट सेशन की मंजूरी न दिए जाने पर भी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद राज्यपाल को बजट सेशन की मंजूरी देनी पड़ी थी । पंजाब में राज्यपालऔर आप सरकार के खिलाफ चल रही तनातनी आगे भी खत्म होने के आसार नहीं दिख रहे क्योंकि भगवंत मान सरकार नवंबर में ही विधानसभा का एक और सेशन बुला सकती है। सीएम भगवंत मान कह चुके हैं कि हम नवंबर के पहले सप्ताह में एक बड़ा सेशन बुलाएंगे और
हमें इस मुद्दे पर स्पष्टता की जरूरत है।

सरकार को एक दिन में खत्म करना पड़ा सेशन

एस वाई एल  मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पंजाब सरकार ने 20 और 21 अक्टूबर को विधानसभा का दो दिन का स्पेशल सेशन बुलाया था। राज्यपाल बीएल पुरोहित ने इस सेशन को गैरकानूनी बताया। पंजाब राजभवन ने विधानसभा सचिव को बाकायदा पत्र लिखकर राज्यपाल के फैसले का हवाला भी दिया। उसके बाद विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां को सफाई देनी पड़ी। संधवां ने कहा था कि यह सेशन पिछले सत्र का ही हिस्सा होगा क्योंकि पिछले सेशन का सत्रावसान अब तक नहीं हुआ है। विधानसभा सचिव रामलोक खताना की ओर से जारी नोटिस के अनुसार, पंजाब विधानसभा की कार्य संचालन नियमावली के अधीन स्पीकर ने 20 जून को सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया था और 20 अक्टूबर को उसी सेशन को दोबारा बुलाया गया है। 20 अक्टूबर को सेशन तो हुआ मगर राज्यपाल की आपत्ति को देखते हुए सरकार ने सदन में कोई बिल वगैरह पास किए बगैर इसे एक ही दिन में खत्म कर दिया।

सरकार बनते ही शुरू हो गया विवाद

पंजाब में राज्यपाल बीएल पुरोहित और सीएम भगवंत मान के बीच विवाद की शुरुआत राज्य में आप की सरकार बनते ही हो गई थी। राज्यपाल ने राज्य से जुड़े कई मुद्दों पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जवाबतलबी की जिस पर सीएम मान ने सार्वजनिक रूप से आपत्ति भी जताई। विवाद तब गहरा गया जब इसी साल पंजाब सरकार की ओर से बुलाए गए बजट सेशन को राज्यपाल  ने मंजूरी देने से इनकार कर दिया। राज्यपाल के इस फैसले के बाद भगवंत मान सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। अदालत का फैसला सरकार के हक में आया। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान विधानसभा में 19 और 20 जून को पास किए गए 6 अलग-अलग बिलों को लटकाने का आरोप भी गवर्नर पर लगा चुके हैं। मान ने कहा था कि राज्यपाल जान-बूझकर इन बिलों पर साइन नहीं कर रहे। इन बिलों पर राज्यपाल पुरोहित ने अभी तक साइन नहीं किए हैं।

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