
अमृतसर,14 नवंबर:चंडीगढ़ में हरियाणा के नए विधानसभा भवन के लिए जगह देने पर पंजाब का राजनीतिक माहौल गर्माया हुआ है। वहीं, इस मामले में पंजाब भाजपा के प्रधान सुनील जाखड़ ने सख्त ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ उनके लिए जमीन का टुकड़ा नहीं है। इससे लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि, पंजाब को अतीत में मिले घावों पर मरहम लगाने के प्रधानमंत्री ने कई प्रयास किए हैं। लेकिन हरियाणा को चंडीगढ़ में विधानसभा भवन के लिए अलग जगह अलॉट करने से लोगों को ठेस पहुंचेगी। उन्हें इस फैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए। उन्होंने इस बारे में सोशल मीडिया अकाउंट X पर इस बारे में पोस्ट डालकर अपनी राय रखी है। वहीं, उन्होंने इस मामले में सीएम भगवंत मान को भी घेरा है।
जाखड़ ने एक ही पोस्ट में दो मुद्दे उठाए
अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जाखड़ ने लिखा है कि पंजाब की राजधानी के रूप में चंडीगढ़ न केवल एक भूमि क्षेत्र है, बल्कि इसके साथ पंजाब के लोगों की गहरी भावनाएं जुड़ी हुई हैं। पंजाब को अतीत में मिले घावों पर मरहम लगाने की कोशिश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाबियों के सामाजिक और धार्मिक उत्थान के लिए जो कदम उठाए हैं, उनके इन्हीं प्रयासों के तहत हरियाणा को चंडीगढ़ में अलग विधानसभा भवन के लिए 10 एकड़ जमीन दी गई है। पंजाब की आत्मीयता को ठेस पहुंचेगी। 66 मेरा मानना है कि पंजाब और केंद्र के बीच मजबूत संबंध बनाए रखने के लिए इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए और मैं प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने और इस फैसले को रद्द करने की अपील करता हूं।
सीएम पंजाब पर उठाया सवाल
जिस मुद्दे पर पंजाब की सभी पार्टियां एकमत थीं, उस पर केंद्रीय गृह मंत्री के जयपुर में मौजूद रहने के दौरान आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री की समझदारी की कमी के कारण चंडीगढ़ और पंजाब का दावा कमजोर हो गया है। नॉर्थ जोनल काउंसिल हरियाणा ने विधानसभा के लिए यह जमीन जब मांगी थी तो पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसका विरोध करने की बजाय पंजाब विधानसभा के लिए जमीन मांग कर अपनी माग मुहर लगा दी। उन्होंने आखिर में लिखा है कि पंजाब के नौसिखिए मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा इस मुद्दे पर पंजाब विरोधी सजा पंजाब के लोगों को क्यों चुकानी चाहिए।
” अमृतसर न्यूज अपडेट्स ” की खबर व्हाट्सएप पर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करें