
अमृतसर, 13 अक्टूबर(राजन):गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर द्वारा 10 नवंबर तक चलने वाले क्षेत्रीय और अंतर-क्षेत्रीय युवा मेला-2025 का आज सामाजिक संवेदनशीलता और कलात्मक उत्साह के साथ उद्घाटन किया गया। पंजाब में हाल ही में आई बाढ़ से जुड़े दर्द और मानवीय एकजुटता को समर्पित इस युवा महोत्सव का विषय दर्शकों की आंतरिक भावनाओं की अभिव्यक्ति है। छात्रों ने नाटकों, वेशभूषा परेड, कठपुतली और कला के माध्यम से बाढ़ प्रभावित परिवारों के दर्द और साहस को कलात्मक रूप से दर्शाया। संकट की इस घड़ी में धर्म और सीमाओं से ऊपर उठकर लोगों द्वारा की गई मदद की खूब सराहना की गई।
छात्रों के उत्साही और भावनात्मक प्रदर्शनों से दर्शक भी भावुक हो गए

इस अवसर पर छात्रों के उत्साही और भावनात्मक प्रदर्शनों से दर्शक भी भावुक हो गए। युवा महोत्सव का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. करमजीत सिंह, डीन छात्र कल्याण डॉ. हरविंदर सिंह सैनी, निदेशक युवा कल्याण डॉ. अमनदीप सिंह और डीएसपी शिव दर्शन सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित करके किया, जबकि इससे पहले, इस वर्ष दिवंगत हुए महान हस्तियों और कलाकारों को श्रद्धांजलि के रूप में एक मिनट का मौन रखा गया। बाढ़ के दौरान मरने वाले और पीड़ित लोगों के लिए भी संवेदना व्यक्त की गई।
बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए देश-विदेश के लोगों ने एकता और मानवता की जो मिसाल पेश की

डॉ. करमजीत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि पंजाब के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए देश-विदेश के लोगों ने एकता और मानवता की जो मिसाल पेश की है, वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि अनुशासन और सेवा से जीवन में सफलता अपने आप मिलती है। युवा कल्याण विभाग के इंचार्ज डॉ. अमनदीप सिंह ने कहा कि 10 नवंबर, 2025 तक चलने वाले इस युवा महोत्सव में विभिन्न कलाओं के प्रदर्शन के लिए दशमेश ऑडिटोरियम, आर्किटेक्चर विभाग और कॉन्फ्रेंस हॉल में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं।
आर्किटेक्चर विभाग में मौके पर पेंटिंग और पोस्टर मेकिंग मुकाबले करवाए गए
महोत्सव की शुरुआत आज सुबह दशमेश ऑडिटोरियम में कॉस्ट्यूम परेड, मिमिक्री, स्किट, गीत/गजल और लोकगीतों के साथ हुई। आर्किटेक्चर विभाग में मौके पर पेंटिंग और पोस्टर मेकिंग मुकाबले करवाए गए, जबकि दोपहर के सत्र में कोलाज, क्ले मॉडलिंग, स्लोगन राइटिंग और कार्टूनिंग के कार्यक्रम हुए। कॉन्फ्रेंस हॉल में काव्य गोष्ठी, भाषण और वाद-विवाद प्रतियोगिताएँ हुईं, जहाँ विद्यार्थियों ने अपनी साहित्यिक और बौद्धिक क्षमता का प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि 14 अक्टूबर को दशमेश ऑडिटोरियम में समूह शबद भजन, समूह गान (भारतीय) और गिद्दा जैसी प्रस्तुतियाँ होंगी।
यह मुकाबला भी करवाए गए
आर्किटेक्चर विभाग में रंगोली, फुलकारी, पेंटिंग, स्टिल लाइफ और स्केचिंग के मुकाबले होंगे, जबकि कॉन्फ्रेंस हॉल में क्विज़ (प्रारंभिक और अंतिम) का आयोजन होगा। इससे पहले, विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. हरिंदर सिंह ने कहा कि ये युवा मेले पंजाब की आत्मा और सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने का एक माध्यम हैं और युवाओं को कला, संगीत और चर्चा के माध्यम से अपनी आंतरिक कलात्मक क्षमता दिखाने का अवसर भी प्रदान करते हैं।
उत्सव में भाग ले रहे 14 शिक्षा महाविद्यालयों के लगभग 300 विद्यार्थियों को बधाई दी
उन्होंने उत्सव में भाग ले रहे 14 शिक्षा महाविद्यालयों के लगभग 300 विद्यार्थियों को बधाई दी और कहा कि इन युवा उत्सवों में पुरस्कार जीतना उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेना। उन्होंने कहा कि इस जोनल के विजेता विद्यार्थी कलाकार अगले अंतर-जोनल युवा महोत्सव में विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करेंगे। शिक्षा महाविद्यालयों का पहला दो दिवसीय युवा महोत्सव 14 अक्टूबर को लोक नृत्य गिद्दा के साथ संपन्न होगा, जो चढ़दी कला की आध्यात्मिक भावना का प्रतीक है।
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