
अमृतसर,19 नवंबर(राजन):डी.ए.वी. कॉलेज, अमृतसर के पंजाबी विभाग द्वारा सिख धर्म के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वे बलिदान दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष सेमिनार का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम गुरुजी की शहादत और उनके सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम की शुरुआत में अपने संबोधन में प्रिंसिपल डॉ अमरदीप गुप्ता ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी की शहादत केवल एक ऐतिहासिक घटना मात्र नहीं है, बल्कि यह मानवीय मूल्यों, धार्मिक सहिष्णुता और निर्भीकता का प्रतीक है। आज के दौर में उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
सेमिनार में त्रि शताब्दी गुरु गोबिंद सिंह खालसा कॉलेज के पंजाबी विभाग के मुखी डॉ गुरजंट सिंह मुख्य प्रवक्ता थे । डॉ गुरजंट ने गुरुजी के ऐतिहासिक और सामाजिक योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने गुरुजी द्वारा धर्म की रक्षा के लिए दिल्ली के चांदनी चौक में दिए गए बलिदान की घटना को विस्तार से बताया और उसके महत्व को समझाया।
विभाग के कॉर्डिनेटर डॉ बी बी यादव ने बताया कि इस सेमिनार का उद्देश्य छात्रों और फैकल्टी सदस्यों के बीच गुरु तेग बहादुर जी के जीवन, सिद्धांतों और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा में दिए गए उनके अद्वितीय योगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। गुरुजी ने धर्म की खातिर अपने प्राणों का उत्सर्ग किया और मानवता के लिए न्याय, सत्य और बलिदान का एक अमर उदाहरण प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर प्रो संदीप कौर की पुस्तक भगवंत रसूलपुरी दी कथा दृष्टि का लोकार्पण किया गया । इस अवसर पर डॉ प्रिंसपाल कौर, प्रो पूनम कुमारी, प्रो हरप्रीत, प्रो अमनप्रीत, प्रो अमनदीप, प्रो संदीप , प्रो परवीन, प्रो कमलप्रीत और प्रो जसबीर कौर विशेष रूप से उपस्थित रहे ।
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