सड़कों के कार्यों का होगा थर्ड पार्टी ऑडिट, टीम की जाएगी हायर
क्या नई कॉलोनियों में विकास की मंजूरी से पहले वैद्य कॉलोनी की एमटीपी से मंजूरी ली जाएगी !
अमृतसर,18 सितंबर (राजन): नगर निगम की वित्त एंड ठेका कमेटी की मीटिंग में करोड़ों रुपयों के विकास कार्य रद्द कर दिए गए हैं। मेयर करमजीत सिंह रिंटू की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में कमिश्नर मलविंदर सिंह जग्गी,सीनियर डिप्टी मेयर रमन बख्शी, डिप्टी मेयर यूनुस कुमार, कमेटी सदस्य पार्षद दमनदीप सिंह, पार्षद गुरजीत कौर तथा नगर निगम के अधिकारी मौजूद रहे। मीटिंग में अबव एस्टीमेट पड़े सभी टेंडर रद्द कर दिए गए हैं। अब इन विकास कार्यों के टेंडर दोवारा लगेंगे। मीटिंग में एक लाख रुपया के विकास कार्य तथा विकास कार्यों के एस्टीमेट की मंजूरी को लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। पहले 248 प्रस्तावों को लेकर 8 सितंबर को वित्त एंड ठेका कमेटी की मीटिंग की गई थी और अब आज मीटिंग के पहले वाले एजेंडे में 19 प्रस्ताव और डालकर दोबारा मीटिंग की गई। मीटिंग में अबव एस्टीमेट डाले गए टेंडरों की नेगोशिएशन भी हो सकती है। अगर कोई ठेकेदार उन टेंडरों की 10% सेविंग दे दो उस पर पुनर्विचार हो सकता है। मीटिंग मे अन्य महत्वपूर्ण बड़े-बड़े विकास कार्यों के प्रस्ताव तथा अन्य प्रस्ताव मंजूर भी किए गए हैं।मीटिंग की प्रोसीडिंग लिखे जाने के उपरांत कमेटी के सदस्यों के हस्ताक्षर होने के उपरांत ही मंजूर किए गए विकास कार्यों के वर्क ऑर्डर जारी होगे।
सड़कों के कार्यों का होगा थर्ड पार्टी ऑडिट
मीटिंग में यह भी निर्णय लिया गया कि मीटिंग के एजेंडे में 8 करोड़ रुपयों की लागत से बनने वाली सड़कें तथा 46 करोड़ रुपयों की लागत से बनाई जाने वाली सड़को का थर्ड पार्टी ऑडिट होगा। इसके लिए सड़कों के कुल निर्माण की लागत से .60% लगभग 32 लाख की राशि से थर्ड पार्टी ऑडिट टीम को हायर किया जाएगा।
क्या नई कॉलोनियों के विकास की मंजूरी से पहले वैध कॉलोनी की एमटीपी से मंजूरी ली जाएगी !
मीटिंग के एजेंडे में झब्बाल रोड की कॉलोनियों मे सीवर डालने के लाखों रुपए के प्रस्ताव को लेकर सीनियर डिप्टी मेयर रमन बख्शी ने अधिकारियों से पूछा कि यह कॉलोनी वैध है। क्या इसकी एमटीपी विभाग से वैध होने के बारे में रिपोर्ट ली गई है।इस पर अधिकारी ने कहा कि इसके संबंध में उन्हें नहीं पता। क्या अब नई कॉलोनियों के विकास की मंजूरी से पहले वैध कॉलोनी होने की एमटीपी विभाग से मंजूरी निगम के इंजीनियरिंग विभाग द्वारा ली जाएगी।